1962 के रक्षा मंत्री दोषी,
पर, 1971 के रक्षा मंत्री को श्रेय नहीं
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सुरेंद्र किशोर
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8 दिसंबर, 22 को कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय प्रियंका गांधी को जाता है ।साथ ही, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी।
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पर,हाल में तीन राज्यों में जब कांग्रेस हार गयी तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व,इसके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कमजोरी बता रहा है।
साथ ही, टिकट बंटवारे में राज्य स्तर के कांग्रेसी नेताओं की गलतियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
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कांग्रेस में पुरानी परंपरा है।
जीत के लिए ‘परिवार’ को शाबासी दो।
हार के कारणों को नीचे कहीं कारण ढंढ़ लो।
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1962 में जब चीन के हाथों भारत की पराजय हुई और हमारी जमीन चीन ने छीन ली तो उसके लिए दोषी रक्षा मंत्री वी.के.कृष्ण मेनन थे।
प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं।
मेनन को पद से हटा भी दिया गया।
1967 में मेनन को कांग्रेस का टिकट भी नहीं मिला जबकि वे सिटिंग मेम्बर थे।
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1971 में जब बांग्ला देश विजय हुई तो उसका पूरा श्रेय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को मिला।
आंध्र के एक कांग्रेसी सासंद ने लोक सभा में इंदिरा को दुर्गा तक कह दिया।
पर,दुर्गा शब्द, तब के गोदी मीडिया ने अटल बिहारी वाजपेयी के मुंह में डाल दिया।
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वाजपेयी तब के स्पीकर से यह आग्रह करते रह गये कि आपका सचिवालय इसका खंडन करे।
पर स्पीकर ने खंडन नहीं करवाया।
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ऐसे ही रवैये के कारण कांग्रेस दुबली होती गयी।
मुख्य प्रतिपक्षी दल का कमजोर और गैर-जिम्मेदार होना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कोई अच्छी बात नहीं है।
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6 दिसंबर 23
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