दक्षिण भारत के राज्यों के इस विशेष पक्ष
पर भी जरा नजर डाल लीजिए !!
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कर्नाटका (मई, 23)और तेलांगना(दिसंबर,23)में कांग्रेस की
जीत असल में अभूतपूर्व ‘अल्पसंख्यक एकजुटता’ की विजय
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अगले किसी चुनाव के लिए भी संकेत स्पष्ट है
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सुरेंद्र किशोर
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यदि आप निष्पक्ष समीक्षा करेंगे तो पाएंगे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जो सरकार है,सिर्फ वही सरकार उसके अपने बल पर है।
कर्नाटका और तेलांगना की कांग्रेस सरकारें अल्पसंख्यक मतों की कांग्रेस के साथ ‘‘अभूतपूर्व एकजुटता’’ की देन है।
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गत मई में कर्नाटका विधान सभा का चुनाव हुआ।
वहां अधिकतर अल्पसंख्यकों ने जे. डी. एस. को पूरी तरह छोड़कर अपने लगभग सारे मत कांग्रेस को दे दिए।
यह ‘‘खास रणनीति’’ के तहत हुआ जिसे देश के लिए शुभ नहीं माना जा रहा है।
अल्पसंख्यकों ने कांग्रेस के साथ ऐसी ही एकजुटता हाल के चुनाव में तेलांगना में भी दिखाई।
अल्पसख्यकों ने सत्ताधारी बी.आर.एस.को छोड़कर लगभग अपने सारे वोट कांग्रेस को दे दिए।हालांकि ओवैसी अपने ‘इलाके’पर काबिज रहे।
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जे डी एस नेता व पूर्व प्रधान मंत्री एच.डी.देवगौड़ा अब सन 2024 के लोस चुनाव के लिए भाजपा से सीटों के तालमेल पर गंभीरतापूर्वक बात कर रहे हैं।
याद रहे कि मई, 23 के चुनाव में कांग्रेस को कर्नाटका में 42.88 प्रतिशत वोट मिले।
भाजपा को 35.80 प्रतिशत मत मिले।
जे डी एस को 13.30 प्रतिशत वोट मिले।
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देवगौड़ा तो अपने दल का अस्तित्व बचाने का ठोस उपाय कर रहे हैं।
पर,तेलांगना के पूर्व मुख्य मंत्री के.चंद्रशेखर राव लोस चुनाव के लिए क्या करेंगे,यह देखना दिलचस्प होगा।
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तेलांगना विधान सभा चुनाव का ताजा रिजल्ट
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कांग्रेस-सी.पी.आई.-40 प्रतिशत
भारत राष्ट्र समिति --37.35 प्रतिशत
भाजपा--13.90 प्रतिशत
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देश के लिए शुभ या अशुभ ??
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कर्नाटका की सिद्धारमैया सरकार ने अल्पसंख्यकों के उपकार का बदला चुकाना शुरू कर दिया है।
शिक्षण संस्थाओं में बुरका पहन कर जाने पर पहले प्रतिबंध था।
नई सरकार ने वह प्रतिबंध हटा लिया है।
आगे- आगे देखिए और क्या -क्या होने वाला है !!!
(कर्नाटका में इस तरह के और कौन कौन काम हो रहे हैं,इसकी जानकारी मशहूर पत्रकार एल.पी.सेठी से लेने की कोशिश करूंगा।)
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के.चंद्र शेखर राव की पिछली सरकार की पुलिस यानी अभियोजन पक्ष ने अकबरूद्दीन ओवैसी के अभूतपूर्व हेट व भड़काऊ स्पीच को लेकर कोर्ट में सबूत तक पेश नहीं किया ताकि मुस्लिम वोट उसे मिल सके।
फिर भी तेलांगना के अधिकतर मुस्लिम वोट कांग्रेस को मिल गये।
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अब जानिए कि छोटे ओवैसी ने एक जन सभा में क्या कहा था-
हम सबने उसे टी.वी.चैनलों पर सुना था।
नमूना देखिए--
‘‘.......हम 25 करोड़ हैं, तुम 100 करोड़ है न,ठीक है तुम तो हमसे ज्यादा हो,15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो,हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है....’’
उस दिन इसके बाद भी अकबरूद्दीन ने अपने भाषण में जो कुछ कहा.वह इतना आपत्तिजनक है,जिसे हम यहां लिख नहीं सकते।जबकि वह पूरा भाषण गुगल पर अब भी उपलब्ध है।
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इसके बावजूद कोर्ट ने उसे बरी कर दिया।
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सन 2023 के तेलांगना विधान सभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने अल्संख्यकों के लिए जो वायदे किये है,वह भी अभूतपूर्व है।
किसी धर्म निरपेक्ष देश की किसी पार्टी ने ऐसा वादा अब तक नहीं किया था।
अब तेलांगना की कांग्रेस सरकार को उसे निभाना पड़ेगा।
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23 दिसंबर 23
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पुनश्चः
केरल की माकपा सरकार का पी.एफ.आई. से मधुर संबंध है।
पी.एफ.आई.की महिला शाखा के सम्मेलन में शामिल होने के लिए पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी
केरल गये थे।
पी.एफ.आई.ने यह लक्ष्य तय किया है कि वह हथियारों के बल पर
2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देगा।
वह हथियार भी बांट रहा है।
पर,उसे अफसोस है कि भारत के 5 प्रतिशत मुसलमान भी उसे इस काम में सक्रिय सहयेाग करने को तैयार नहीं हैं।
याद रहे कि कुछ साल पहले केरल के डी.जी.पी.ने सी.पी.एम.के मुख्य मंत्री से सिफारिश की थी कि सरकार पी.एफ.आई.पर प्रतिबंध लगाए।
पर सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया।
पी.एफ.आई.की ंिहंसक गतिविधियों से वहां की पुलिस भी परेशान रही है।
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उधर तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी के ‘‘युवराज’’ उदयनिधि स्टालिन ने सनातन के उन्मूलन की जरूरत बताते हुए कहा है कि यह मच्छर से फैलने वाले डेंगू और मलेरिया की तरह है।
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इन दिनों दक्षिण भारत की राज्य सरकारें राज्यपालों के साथ वैसा ही व्यवहार कर रही हैं जिस तरह किसी वैर-भाव वाले एक देश के राजदूत के साथ कभी कभी दूसरे देश में व्यवहार होता है।
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