मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के
जन्म दिन पर उन्हें बधाई !
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एक पुरानी याद
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नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ के संबंध में अखबारों में जारी विज्ञापनों में एक नारा होता है--
‘‘हमने जो कहा,वह पूरा किया।’’
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नीतीश जी ने सन 1977 में मुझसे जो कहा था,वह भी उन्होंने उसे भी पूरा किया था।
हालांकि उनकी तब की बात मुझे असंभव सी लगी थी।
कुछ ही समय पहले नीतीश कुमार सन 1977 का विधान सभा चुनाव हारे थे।
हम काॅफी बोर्ड वाले काॅफी हाउस में साथ बैठे थे।
तब बिहार में सरकार कर्पूरी ठाकुर की थी।मैं उन दिनों दैनिक ‘आज’ अखबार में काम करता था।
मैंने नीतीश जी से कहा कि ‘‘कर्पूरी जी की सरकार से जैसी हमें उम्मीद थी,वह पूरी नहीं हो रही है।’’
उस पर आत्म विश्वास से भरे नीतीश कुमार ने
कहा,‘‘सुरेंद्र जी,मैं एक दिन मुख्य मंत्री जरूर बनंूगा।और बनूंगा तो अच्छा काम करूंगा।’’
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मेरा आकलन है कि कुल मिलाकर अत्यंत विपरीत परिस्थितियों के बावजूद नीतीश जी ने मुख्य मंत्री के रूप में बिहार में अच्छा काम किया है।बिहार को उससे पहले की अपेक्षा लगभग बदल दिया है।हां,सरकारी भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर जरूर सफल नहीं रहे।
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यदि नीतीश कुमार के शासन काल में डा.श्रीकृष्ण सिंह के समय जैसी कत्र्तव्यनिष्ठ उच्च ब्यूरोके्रसी होती और मौजूदा मुख्य मंत्री के पास भाजपा जैसा संगठन होता तो नीतीश कुमार और भी अच्छा काम कर पाते।
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पुनश्चः
तब की बात है जब भागवत झा आजाद बिहार के मुख्य मंत्री थे।
उधर देश भर में वी.पी.सिंह की ‘‘बोफोर्स आंधी’’ चल रही थी।
उन्हीं दिनों मेरी मुलाकात सत्येंद्र नारायण सिंह से हुई।
उन्होंने कहा कि आज राजपूत लोग पूरी तरह वी.पी.सिंह के साथ हैं।
यदि कांग्रेस हाई कमान मुझे भी बिहार का मुख्य मंत्री बना दे तौभी बिहार के राजपूत कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।
उनसे बातचीत के बीच मैं मन ही मन यह सोच रहा था कि कांग्रेस हाईकमान इतना अदूरदर्शी
तो है नहीं जो इन्हें मुख्य मंत्री बना देगा !
क्योंकि भागवत झा अच्छा काम कर रहे थे।
पर,मेरा अनुमान गलत निकला -कांग्रेस हाईकमान ने सत्येंद्र बाबू को मुख्य मंत्री बना ही दिया।
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यानी कई बार आपका अनुमान गलत निकलता है।
नीतीश कुमार के काॅफी हाउस के आत्म विश्वास को देख कर भी मुझे तब उनकी बात पर विश्वास नहीं हुआ था।
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1 मार्च 25
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