गुरुवार, 27 मार्च 2025

     22 प्रतिशत अरबपति विदेश में बसना चाहते हैं।

  2023 में 2.15 लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी

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    सुरेंद्र किशोर

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ताजा समाचार के अनुसार 22 प्रतिशत भारतीय अरबपति यह देश छोड़कर दूसरे देशें में बसना चाहते हैं।

  गत साल केंद्र सरकार ने राज्य सभा को सूचित किया कि दूसरे देशों में बसने के लिए दो लाख 15 हजार भारतीयों ने 2023 में इस देश की नागरिकता छोड़ दी।

   कारण--

यहां रहने की स्थिति अच्छी नहीं है।

कारोबार में सुगमता नहीं है।विदेशों में जीवन स्तर बेहतर है।

कुछ महीने पहले टी.वी.चैनल पर कनाडा के एक शहर में  भारतीय मूल के दो लोगों  को आपस में बातचीत करते मैंने देखा-सुना  था।एक ने दूसरे से पूछा-भारत क्यों छोड़ा ?

दूसरे ने जवाब दिया--वहां सड़कों पर जाम की समस्या गहरा गई है।

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वैसे कारण और भी हैं--

अत्यंत थोड़े से अपवादों को छोड़कर भारत के सरकारी कार्यालयों में रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता।

 बिहार में तो सरकारी कर्मियों ने अनेक जगहों पर समानांतर सरकारी कार्यालय खोल रखे हैं ताकि उन्हें घूस लेने में कोई असुविधा न हो।

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हाल में इस देश के एक हाई कोर्ट के जज ने कहा कि लड़की का वक्ष स्पर्श करना और पैजामा का नाड़ा खोलना कोई अपराध नहीं है।

एक अन्य हाईकोर्ट जज के आवासीय परिसर में करोड़ों रुपए के नोट्स जलते पाए गये।

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हाल की ए. डी. आर.रिपोर्ट के अनुसार देश के 45 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।

सांसदों में भी लगभग यही प्रतिश्ता होगा।

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यह संयोग नहीं है कि संसद से लेकर विधान सभाओं तक की कार्यवाहियों पर इन दिनों अराजकता छाई रहती है।

हाल में तो हद हो गई जब चलते सदन में सदन के भीतर एक सांसद भाई ने अपनी सांसद बहन का गाल सहलाया।जब स्पीकर ने कहा कि संसद के नियमों का पालन कीजिए तो उस सांसद ने आरोप लगा दिया कि हमें बोलने नहीं दिया जाता।

कुछ ही माह पहले वही सांसद चलते सदन में अपना सिर बेंच के पिछले हिस्से पर तिरछे टिका कर सोते नजर आये थे।

यानी संसद से सड़क तक अराजकता है।कानून -व्यवस्था बहुत खराब है।

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इन दिनों वक्फ संशोधन विधेयक का भारी विरोध हो रहा है।

हाल में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि 

‘‘उत्तर प्रदेश में एक लाख 21 हजार वक्फ की संपत्तियां हैं।पर,उनमें से एक लाख 12 हजार संपत्तियों का वक्फ बोर्ड के पास कोई कागजी सबूत नहीं है।’’

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उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में कहा है कि जिस वक्फ जमीन का मालिकाना हक सन 1952 के राजस्व रिकाॅर्ड में दर्ज है,उसी को वक्फ की संपत्ति माना जाएगा।

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पर,जमीयत उलेमा हिन्द कहता है कि मनमोहन सिंह सरकार ने वक्फ बोर्ड को जो ताकत दी है,उसके अनुसार ही हम मालिकाना हक मानते हैं न कि किसी राजस्व रिकाॅर्ड को मानते हैं।

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सन 2013 में मनमोहन सरकार ने जो वक्फ कानून बनाया उसकी धारा-40 के अनुसार वक्फ को यह शक्ति दे दी गयी है कि यदि वक्फ को लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की संपत्ति है तो वक्फ संबंधित जिला पदाधिकारी को उसे खाली कराने का आदेश दे सकता है । उसका यह आदेश डी.एम.को मानना होगा।इस आदेश के खिलाफ यह (मन मोहन सरकार का )कानून किसी को हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति नहीं देता।

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याद रहे कि वक्फ बोर्ड का दावा करीब 9 लाख एकड़ जमीन पर है ।इसमेें से बहुत ही कम जमीन का कागजी सबूत 

वक्फ बोर्ड के पास है।

इसके बावजूद कांग्रेस सहित सारे तथा कथित सेक्युलर राजनीतिक दल वक्फ बोर्ड के इस नाजायज मांग के समर्थन में आंदोलनरत हैं।

ताकि उन्हें मुसलमानों का उन्हें वोट मिल जाएं।

ऐसा देश कितने दिनों तक टिका रहेगा ?मध्य युग की याद आ रही है।

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दिल्ली के सदर बाजार से लेकर पटना के न्यू मार्केट तक पुलिस की मदद से सड़कों पर अवैध कब्जा रहता है।लोगों का चलना दूभर है।

देश के अन्य शहरों का भी यही हाल है।उन अतिक्रमणकारियों से पुलिस को भारी रकम घूस के रूप में मिलती है। गत अक्तूबर में सदर बाजार से तो अतिक्रमण हटाया गया। 12 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।पर ताजा स्थिति का पता नहीं।

पर,पटना में राज्य सरकार ने पूरी ताकत लगाकर देख ली।पटना के सड़क-बाजार से अतिक्रमण नहंीं हट पा रहा है।

घूस खोर पुलिस, मुख्य मंत्री पर भी भारी हंै।

ऐसे ही कटु अनभव के कारण अस्सी के दशक के एक तगड़े मुख्य मंत्री भागवत झा आजाद ने कहा था कि बिहार में मेरा राज नहीं बल्कि दारोगा राज है।

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हरि अनंत हरि कथा अनंता !!

इसलिए इस देश में जिसके पास पैसे हैं,वे यह देश छोड़ रहे हैं।जो भ्रष्ट नेता वोट के लिए जेहादियों के हाथों धीरे -धीरे इस देश का इलाका दर इलाका सौंपने में मदद कर रहे हैं,उनमें से भी कुछ लोग 

विदेश में संपत्ति खरीद रहे हैं।ताकि जब भारत में इस्लामिक राज कायम हो जाए तो वे विदेश में जाकर सपरिवार बस जाएंगे।उनके जातीय वोट बैंक का क्या हश्र होगा,उसकी चिंता उन्हें नहीं है।

मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश विधान सभा में हाल में कहा कि यहां के एक नेता ने लंदन में होटल खरीद लिया है।

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याद रहे कि भारत में प्रतिबंधित जेहादी ंसंगठन पी.एफ.आई.ने . हथियारों के बल पर भारत में सन 2047 तक इस्लामिक शासन कायम कर देने का लक्ष्य तय किर लिया है।हथियार जुटाए जा रहे हैं। विदेशों से उन्हें पैसे मिलते रहे हैं।

मौलाना रशीदी ने तो हाल में कह दिया कि अब हमारी आबादी 40 प्रतिशत हो चुकी है।हम 2047 से पहले ही यह लक्ष्य पूरा कर लेंगे।

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27 मार्च 25

     


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