संदर्भ--नागपुर साम्प्रदायिक हिंसा
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जो लोग औरंगजेब को अपना हीरो
मानते हैं,वे औरंगजेब के बारे में
जवाहरलाल नेहरू की इस राय को पढ़ लें
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‘‘औरंगजेब धर्मांध और नीरस आदमी था और उसे
कला या साहित्य से कोई प्रेम न था।
हिन्दुओं पर पुराना और घृणित जजिया कर लगा कर और उनके बहुत से मंदिरों को तुड़वा कर उसने अपनी बहुत बड़ी प्रजा को बुरी तरह नाराज कर दिया।’’
--जवाहरलाल नेहरू
‘‘हिन्दुस्तान की कहानी’’
(द डिस्कवरी आॅफ इंडिया का हिन्दी अनुवाद)
पृष्ठ संख्या-314
संस्करण--2024
सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन
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अब थोड़ा डा.आम्बेडकर को भी पढ़
लीजिए--
डा.बी.आर.आम्बेडकर ने
मुस्लिम मानसिकता पर जो बेबाक टिप्पणी की है,
उसे भी आम लोगों से छिपाया गया।
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वह टिप्पणी यहां प्रस्तुत है।--
‘‘इस्लाम एक बंद निकाय है
जो मुसलमानों और गैर मुसलमानों के बीच के जो भेद करता है,वह बिलकुल मूर्त और स्पष्ट है।
इस्लाम का भ्रातृ भाव, मानवता का भ्रातृ भाव नहीं है।
मुसलमानों का मुसलमानों से ही भ्रातृभाव है।
यह बंधुत्व है,परंतु इसका लाभ अपने ही निकाय के लोगों तक सीमित है।
जो इस निकाय से बाहर हैं,उनके लिए इसमें सिर्फ घृणा और शत्रुता ही है।
इस्लाम का दूसरा अवगुण यह है कि यह सामाजिक स्वशासन की एक पद्धति है
जो स्थानीय स्वशासन से मेल नहीं खाता।
क्योंकि मुसलमानों की निष्ठा, जिस देश में वे रहते हैं, उसके प्रति नहीं होती।
बल्कि वह उस धार्मिक विश्वास पर निर्भर करती है,जिसका कि वे एक हिस्सा है।
एक मुसलमान के लिए उसके विपरीत या उल्टे मोड़ना अत्यंत दुष्कर है।
जहां कहीं इस्लाम का शासन है,वहीं उसका अपना विश्वास है।
दूसरे शब्दों में इस्लाम एक सच्चे मुसलमानों को भारत को अपनी मातृभूमि और हिन्दुओं को अपना निकट संबंधी मानने की इजाजत नंहीं देता।
सम्भवतः यही वजह थी कि मौलाना मुहम्मद अली जैसे महान भारतीय परंतु सच्चे मुसलमान ने अपने शरीर को हिन्दुस्तान की बजाए जेरूशलम में दफनाया जाना अधिक पसंद किया।’’
----डा.बी.आर.आम्बेडकर
लिखित पुस्तक
‘‘पाकिस्तान और भारत का विभाजन’’
की पृष्ठ संख्या-367 से
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अब एक खबर लीक से हटकर भी
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ताजा खबरों के अनुसार सउदी अरब के क्राउन प्रिंस
मोहम्मद बिन सलमान इस स्थिति को बदलना चाहते हैं।
उन्होंने अपने देश में हिन्दू मंदिर के निर्माण की अनुमति दी।
साथ ही, उन्होंने आदेश दिया कि गैर मुस्लिमों के लिए उनके देश में शराब परोसी जा सकती है।
कुछ अन्य बातें भी हैं।
देखना है कि उन्हें कितनी सफलता मिलती है।
भारत सहित दुनिया में सारे लोग मोहम्मद बिन सलमान की तरह ही यदि सह अस्तित्व के सिद्धांत का पालन करें तो शांति बनी रहेगी।
अन्यथा ????
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20 मार्च 25
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