शुक्रवार, 12 मई 2023

 एक राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्र में मंत्री रह चुके नेता के 

दल बदल को देख कर आपको कैसा लगता है ?

मुझे तो लगता है कि राजनीतिक क्षेत्र में ‘उपकार’ शब्द के लिए कोई जगह नहीं है।

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दूसरी ओर,

संवैधनिक पद पर रह चुके एक काबिल नेता के राजनीतिक संन्यास को देख कर आपको कैसा लगता है ?

मुझे तो लगता है कि राजनीतिक ‘संग्राम’ के मैदान में एम्बुलेंस नहीं हुआ करता।

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सुरेंद्र किशोर 

12 मई 23


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