शुक्रवार, 5 मई 2023

 लेस्ट वी फाॅरगेट !

कहीं हम भूल न जाएं !!

..............................

सुरेंद्र किशोर

..........................

एक बार एक ‘‘रोबिनहुड टाइप नेता जी’’ एक शीर्षस्थ सत्ताधारी के पास पहुंचे।

कहा कि फलां बुद्धिजीवी जी को एम.एल.सी.बना दीजिए।

शीर्षस्थ जी ने कहा कि जब राजपूत को ही बनवाना है तो सुरेंद्र किशोर

को ले आइए।

बना देंगे।

रोबिनहुड जी चुप रह गए।

क्योंकि वे जानते थे कि भले सुरेंदर मेरा जात -भाई है,पर मुझे तो अपनी पीठ पर हाथ रखने ही नहीं देता है।

वह भला मेरे कौन काम का है !

फिर गोइठा में घी क्यों सुखाया जाए !

..............................

पर. वहां शीर्षस्थ जी के पास बैठकर सुन रहे हमारे एक पड़ोसी अफसर दूसरे ही दिन अपने माॅर्निंग वाॅक के बाद मेरे घर पहुंच गए।

हुलसते हुए कहा--सुरेंदर जी,आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है।चाय पिलाइए।

(नाम लेकर) शीर्षस्थ जी आपको एम.एल.सी.बनाना चाहते हैं।आप उनसे मिल लीजिए।

मैंने हंसते हुए पूछा--आपने दिन में सपना देखा है या रात में ?

थोड़ा गुस्सा का भाव लिए (मुझसे अधिक उम्र के थे और स्वजातीय भी थे)उन्होंने कहा कि आप इसे मजाक मत समझिए।

फिर उस बुजुर्ग जी ने पूरी बात बताई।

यानी रोबिनहुड-शीर्षस्थ संवाद।

.................................

मैंने उनसे कहा कि मेरा फोन नंबर हर साल बिहार डायरी में छपता है।

शीर्षस्थ जी या रोबिनहुड जी मुझे सीधे फोन कर सकते थे।

पर ,उन्होंने तो कभी कोई ऐसा संकेत नहीं दिया।

हां, शीर्षस्थ जी को यह जरूर लगता है कि यदि सुरेंद्र रोबिनहुड जी के संपर्क में आएगा तो मेरे काम भी आ सकता है।अभी तो किसी काम का आदमी है नहीं।

यानी, वह न ओढ़ने लायक है और न ही बिछाने लायक।

उधर रोबिनहुड जी भी समझते हैं कि सुरेंद्र मेरे काम का आदमी  हो ही नहीं सकता।

.....................................

अब आप रोबिनहुड जी के नाम के बारे में अनुमान मत लगाने लगिएगा।

 मेरे एक से अधिक स्वजातीय रोबिनहुड रहे हैं।वैसे लोग शीर्षस्थों के करीबी हो ही जाते हैं।

............................

मैं रोबिनहुडों को पूरा दोष नहीं देता।

मेरा मानना है कि रोबिनहुड कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने से ही पैदा होते हैं।मजबूत होते हैं।हालांकि ताकतवर हो जाने के बाद वे सिर्फ रोबिनहुड की ही भूमिका में ही नहीं रहते। 

पर, आज क्या योगी आदित्यनाथ के शासन काल में यू.पी. में कोई दूसरा अतीक अहमद या विकास दुबे बनना चाहेगा ?

........................

बिहार के एक रोबिनहुड के बारे में मैं जानता हूं, जिसके एक फोन काॅल पर सरकारी आॅफिस में बिना घूस का काम हो जाता था।

इस तरह की अन्य बातें भी हैं।

.....................................

यानी,बाहुबलियों,रोबिनहुडों आदि से मुक्ति पानी हो तो कानून-व्यवस्था ठीक कीजिए।घूसखोरी कम कीजिए।आपराधिक न्याय व्यवस्था को बेहतर करने पर ध्यान दीजिए।

ध्यान रहे कि सजा से कोई बच न पाए।

.............................  

4 मई 23


कोई टिप्पणी नहीं: