फोन शिष्टाचार
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एक व्यक्ति ने बहुत दिनों के बाद आज मुझे फोन किया।
कहा कि फलां का मोबाइल नंबर आपसे ही लिया था।
वह भूल गया है।
एक बार फिर दे दीजिए।
मैंने कहा कि मैं सिर्फ एक ही बार
नंबर देता हूं।
वैसे भी अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति से आपको ऐसा काम बार बार नहीं लेना चाहिए।
इस बार किसी और से ले लीजिए।
वैसे एक बार भी नंबर क्यों देना चाहिए ?
पर, कुछ लोग समझते हैं कि मेरे पास इस काम के लिए काफी समय है।
हालांकि ऐसा है नहीं।
जीवन छोटा है और अभी काम बहुत बाकी है।
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कुछ लोग जब फोन करते हें तो आधे घंटे से कम समय नहीं लेते।
अब मैं वैसे लोगों के फोन सामान्यतः नहीं उठाता।
एक संपादक ने कभी कहा था कि कोई भी महत्वपूर्ण बात सात सौ शब्दों में लिख दी जा सकती है।
पर कई लोग 1500-2000 शब्दों में लिखते हैं।
जब संपादित किया जाता है तो शिकायत करने आते हैं कि मेरी तो सबसे महत्वपूर्ण बात ही आपने काट दी।
मैं कहता हूं कि कोई भी महत्वपूर्ण बात फोन पर मात्र 3 मिनट में कर ली जा सकती है।
जिन्हें संक्षेप में बात करने की आदत है,उनके फोन मैं जरूर उठाता हूं।
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--सुरेंद्र किशोर --25 नवंबर 20
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