मारने वालों से बचाने वाला बड़ा होता है !!!
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पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र हत्याकांड (1975)में
असली हत्यारों को जब सजा नहीं हो सकी तो
यह कहा गया कि जरूर हत्यारों के सिर पर किसी ताकतवर व अदृश्य शक्ति का हाथ था।
बिहार के चर्चित बाॅबी हत्याकंाड (1983) के आरोपी को जब सजा नहीं हो सकी तो
फिर वही बात कही गई।
जब पटना के शिल्पी -गौतम हत्याकांड (1999) का संदिग्ध साफ बच निकला तो आम चर्चा थी कि आरोपी कानून से अधिक ताकतवर निकला।
अब जब नवरूणा कांड में सी.बी.आई. संदिग्धों के विरूद्ध कोई सबूत नहीं ढूंढ़ सकी तो फिर इस केस के बारे में
क्या माना जाए ?
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याद रहे कि इन सभी मामलों की जांच सी.बी.आई.ने ही की थी।
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--सुरेंद्र किशोर-24 नवंबर 20
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