गुरुवार, 26 नवंबर 2020

   100 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करो

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जो मतदान से भागे,उनकी कुछ सरकारी सुविधाएं बंद हों

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  --सुरेंद्र किशोर--

सन 1967 के आम चुनाव के बाद देश के नौ राज्यों में गैरकांग्रेसी सरकारें बनी थीं।

सात राज्य कांग्रेस आम चुनाव में हार गई।

दो अन्य राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दलबदल के कारण कांग्रेस ने बाद में खो दिए।

बिहार सहित उनमें से कुछ राज्यों में संयुक्त

सोशलिस्ट पार्टी के नेता भी मंत्री बने थे।

संसोपा के सर्वोच्च नेता डा.राम मनोहर लोहिया ने उन सरकारों से तब दो मुख्य बातें कही थीं।

‘‘छह महीने के अंदर ऐसे -ऐसे काम करके दिखा दो कि जनता समझ जाए कि तुम्हारी सरकार , कांग्रेसी सरकार से काफी बेहतर है।’’

उनकी दूसरी बात थी--

‘‘बिजली की तरह कौंध जाओ और सूरज की तरह स्थायी हो जाओ ।’’

यह और बात है कि यह सब तब पूर्णतः नहीं हो सका था।

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--साप्ताहिक काॅलम ‘कानोंकान’

प्रभात खबर, पटना

20 नवंबर 20

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पुनश्चः

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‘लव जेहाद’ के खिलाफ कई राज्य कानून बनाने 

जा रहे हैं।

यह बहुत अच्छी पहल है।

पर, साथ ही वोट के प्रति ‘लव’ पैदा करने के लिए भी एक सख्त कानून इस देश में जरूरी है।

सौ प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने का आदर्श रखना चाहिए।

जो लगातार दो बार वोट देने न जाए ,उनकी कुछ सरकारी सुविधाएं बंद कर दी जानी चाहिए।

  बीमारी वगैरह के नाम पर अधिकत्तम 10 प्रतिशत मतदाताओं को ही छूट दी जाए।

 दरअसल इस देश में जातीय व सांप्रदायिक वोट बैंक बनाकर कुछ नेता व दल राजनीति व प्रशासन को लगातार दूषित करते रहे हैं।स्वस्थ राजनीति नहीं होने दे रहे हैं। 

  यदि 90 प्रतिशत लोग भी मतदान केंद्रों में पहुंच जाएं तो 30 प्रतिशत तक का भी ‘वोट बैंक’ निष्प्रभावी हो जाएगा।

यानी निर्णायक नहीं होगा।

फिर देशहित व जनहित के मुद्दे ही निर्णायक होने 

लगेंगे।

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100 प्रतिशत मतदान के संबंध में कानून किसी सरकार के लिए बिजली तरह कौंधना ही तो माना जा सकता है। 


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