13 सितंबर, 2008 को इंडियन मुजाहिदीन ने दिल्ली में
कई जगह विस्फोट करके 26 लोगों को मार डाला।
(याद रहे कि सिमी का नया रूप आई.एम.था।सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगा तो उसके लोगों ने नया संगठन आई.एम.बनाया।
अब सिमी के ही लोगों ने पी.एफ.आई.बना लिया है।)
उनमें से कुछ आतंकी बाटला हाउस में छिपे थे।
दिल्ली पुलिस वहां पहुंची।
मुंठभेड़ हुई।दोनों पक्षों के कुछ लोग मारे गए।
ममता बनर्जी ने अगले महीने उस इलाके में सभा करके उसे फर्जी मुंठभेड़ बताया।
ममता ने कहा कि असली साबित हो जाए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी।
अब सबूतों के आधार पर कोर्ट ने उसे असली साबित कर दिया।
जाहिर है कि ममता राजनीति नहीं छोडं़ेगी।
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उन्हीें दिनों यानी 2008 में ही आई.एम. के जिया उर रहमान ने कहा कि
‘‘अगर खुदा चाहता है तो मैं उस बाजार को भी बम से उड़ा दूंगा जहां मेरी वालिदा सब्जी खरीदती है।उसे जन्नत नसीब होगी।’’
(इंडिया टूडे -हिन्दी-15 अक्तूबर 2008
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याद रहे कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में भी इस तरह के आतंकवादी -अतिवादी तत्वों के खिलाफ कभी बयान नहीं देती।कैसे देंगी ? !!
उन्हीं लोगों के बल पर तो एक बार फिर चुनाव जीतने का हौसला बांध रही हैं।
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9 मार्च 21
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