शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

 ‘‘शेरपुर-दिघवारा 6 लेन पुल के लिए 

7 एजेंसियां तैयार, मार्च में शुरू होगा निर्माण

पुल सन 2026 तक बन कर तैयार होगा’’

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सुरेंद्र किशोर

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इसी शीर्षक के तहत दैनिक भास्कर के इन्द्रभूषण ने आज जो खबर दी है,उससे मुझ सहित लाखों लोगों को खुशी मिली।

मेरा पुश्तैनी गांव दिघवारा से करीब 3 किलोमीटर उत्तर स्थित है।

यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो मैं पटना का माया-मोह छोड़कर अपने उसी गांव में बसना चाहता हूं।

 मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने भी करीब एक साल पहले कहा था कि शेरपुर -दिघवारा गंगा पुल के निर्माण के बाद

दिघवारा से नया गांव तक का इलाका ‘न्यू पटना’ बन जाएगा।

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पता चला है कि अनेक दूरदर्शी डेवलपर्स सोनपुर से दिघवारा तक जमीन 

की खरीद-बिक्री के काम में पहले से ही लग गए हैं।

मैं उम्मीद करता हूं कि इस 6 लेन के गंगा पुल का बनना शुरू होने के तत्काल बाद प्रस्तावित न्यू पटना में बिल्डर्स भी रूचि लेने लगेंगे।

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न्यू पटना के बस जाने के बाद मूल पटना पर भी आबादी का दबाव घट जाएगा।

उससे न सिर्फ प्रदूषण घटेगा,बल्कि रोड जाम की समस्या भी कम होगी।

पर शर्त है कि गंगा पार के इलाकांे में सक्रिय जमीन के कारोबारियों को राज्य सरकार सहयोग करे और उन पर नियंत्रण भी रखे ताकि वहां व्यवस्थित ढंग से मुहल्लों का निर्माण हो सके ।किसी नियंत्रण के अभाव में पटना के आसपास के अधिकतर इलाकों में तो स्लम ही बन रहे हंै।

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साथ ही, बिहार सरकार अपने कुछ संस्थानों को न्यू पटना में स्थानांतरित करने पर विचार करे।

केंद्र सरकार ने एक बार यह प्रस्ताव किया था कि केंद्रीय सचिवालय की राज्यों में भी शाखाएं स्थापित हांेगीे।

यदि उसकी यह योजना अब भी कायम है तो उसके लिए वह जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित न्यू पटना में आसानी से कर सकती है।

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30 दिसंबर 22  


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