मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

 हरिवंश रचित पुस्तक ‘‘सृष्टि का 

मुकुट: कैलास मान -सरोवर’’

के बारे मेें दो शब्द

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‘‘........वास्तव में शिव लोकहित के देवता हैं।

उनकी हर लीला में लोक मानस और लोक कल्याण प्रदर्शित होता है।

  ‘सृष्टि का मुकुट: कैलास-मान सरोवर’ यात्रा -वृतांत को लोकप्रिय पत्रकार हरिवंश ने बहुत डूब कर लिखा है।

बचपन में होश संभालने से लेकर उम्र का अधिकांश वक्त बिताने तक,वह इस यात्रा की अभिलाषा में रहे कि इस यात्रा को करना है।

  इसके लिए इस विषय पर छपी बहुतेरी पुस्तकें (अंग्रेजी-हिन्दी) पढ़तेे रहे।

........यात्रा के दौरान की हर बारीक से बारीक बात को जिस अंदाज में हरिवंश ने लिखा है ,वह साहित्य में यात्रा-संस्मरणों का दिलचस्प और कलेक्टिव डाॅक्यूमेंट है।.........’’

---  अतुल कुमार, हैदराबाद  

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‘मान्यता है कि हिमालय समान,पवित्र स्थान सृष्टि में नहीं है।

भारतीय मानस में जन्म-जन्मान्तर से कैलास दर्शन की साध रही है।

इसे तीर्थों का तीर्थ कहते हैं।

इस यात्रा की चाहत लम्बे समय से पत्रकार -सम्पादक हरिवंश को रही।

  पर,यह यात्रा आसान नहीं।

हिमालय, कैलास -मान सरोवर में कुछ है, शायद सृष्टि का अनजाना रहस्य !

  प्रकृति का वैभव, अध्यात्म का मर्म।

इस आकर्षण से बंधी रोमांचक यात्रा के संस्मरण।

इसे पढ़ते हुए पाठकों को भी कैलास मान -सरोवर की इस यात्रा के कठिन डगर से गुजरने का अहसास होेगा।’

  --- इसी पुस्तक का एक अंश   

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‘सृष्टि का मुकुट: कैलास मानसरोवर’

लेेखक - हरिवंश

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वाणी प्रकाशन,नयी दिल्ली,

शाखाएं-

पटना,इलाहाबाद और वर्धा

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