गुरुवार, 15 दिसंबर 2022

    आज का चिंतन

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 चुनावी आंकड़ा विशेषज्ञ प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के बारे में कहा है कि

 ‘‘दसवीं पास सी.एम.बनने का सपना देख रहे हैं और पढ़-लिखे लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।’’

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  क्या प्रशांत किशोर ने कभी राहुल गांधी के बारे में ऐसी कोई टिप्पणी की है ?

पता नहीं !

मुझे तो याद नहीं है।

रजत शर्मा से बातचीत में एक बार जेठमलानी ने राहुल गांधी के बारे में यह जरूर कहा था कि मैं तो राहुल गांधी को अपने आॅफिस में क्लर्क की नौकरी भी देने लायक नहीं समझता।

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मैं खुद न तो राहुल गांधी का प्रशंसक हूं न ही तेजस्वी यादव का।

किंतु मुझे इन दोनों में तेजस्वी बेहतर लगते हैं-अपेक्षाकृत एक सुलझे हुए दिमाग के नेता हैं।

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आप मुझसे पूछ सकते हैं कि आप किस या किन अन्य सत्तासीन नेता या नेताओं के प्रशंसक हैं ,उनके काम देखने बाद ?

मेरा जवाब यह है कि मैं इन दिनों मुख्यतः दो सत्तासीन नेताओं का प्रशंसक हूं-

 नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार।

आखिर क्यों ?

इसलिए कि इन दोनों में तीन-तीन मुख्य गुण हैं।

1-अपने लिए जायज आय से अधिक रुपए-पैसे एकत्र करने में कोई रूचि नहीं है।

2.-परिवारवाद से दूर हैं।

3.-जन सेवा भाव से भरे हैं और विकास व कल्याण के लिए इनमें बेजोड़ कल्पनाशीलता भी है।

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हां, इन दोनों की व्यक्तिगत ईमानदारी का उनकी सरकारी मशीनरी पर कम ही सकारात्मक असर देखा जा रहा है।

यह इस गरीब देश के लिए अच्छी बात नहीं है।

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सुरेंद्र किशोर

15 दिसंबर 22


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