रविवार, 19 नवंबर 2023

 साठ-सत्तर के दशकों में अध्ययनशील,जुझारू और खबरखोजी संसद सदस्य सदन में अपने भाषणों के जरिए तथा अन्य तरह से आम तौर पर ‘स्टोरी ब्रेक’ करते थे।

 अखबार उसे बाद में लोगों तक पहुंचाते थे।अपवाद तब भी था।

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बाद के वर्षों में मीडिया खास कर अखबार स्टोरी ब्रेक करने लगे और सांसद उसे सदन में उठाने लगे।

अपवाद तब भी था।

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हाल के वर्षों में सदनों और मीडिया जगत में क्या हो रहा र्है और कितना हो रहा है ?

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सुरेंद्र किशोर

19 नवंबर 23


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