इजरायल पर डा.लोहिया
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‘‘मैं इजरायल की नीति को पसन्द नहीं करता !
पर,उसकी संकल्प शक्ति की तारीफ करता हूं।
चार दिन में इतनी जमीन छीन ली !
नासिर देखते रह गये।
रूस की सच्ची सन्धि केवल पूर्वी जर्मनी से है।
बाकी औरों से संन्धि दिल बहलाने को है।
देश की सीमा आदमी की त्वचा की तरह होती है।
जिस तरह त्वचा को खुरच देने से सारा शरीर तिलमिला जाता है,
उसी तरह देश की सीमा को कोई खुरच दे तो हमें तिलमिला जाना चाहिए।
पागल कुत्ते का दांत सख्त मांस खाकर टूट जाता है।
तब वह मुलायम मांस पर टूटता है।
चीन का दांत टूट गया है।
हिमालय मुलायम मांस है।
किसी भी देश की विदेश नीति उस गृहिणी की तरह होती है जिसका पति किसान या मजदूर और बेटा सैनिक होता है।
भारत की विदेश नीति निपूति बुढ़िया की तरह है।’’
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---डा.राममनोहर लोहिया
साप्ताहिक ‘दिनमान’
टाइम्स आॅफ इंडिया प्रकाशन
23 जुलाई, 1967
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(डा.लोहिया दो बार यानी सन 1963 और सन 1967 में लोक सभा के सदस्य चुने गये थे।
कुछ लोग यह कह सकते हैं कि क्या लोहिया के नाम के साथ पूर्व सांसद
लगाने की कोई जरूरत भी है ?
हां,आज जरूरत आ पड़ी है।
क्योंकि हाल ही में एक बड़े पत्रकार ने मुझसे कहा कि लोहिया कभी चुनाव नहीं जीत सके।)
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सुरेंद्र किशोर
27-11-2023
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