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जहां मिट्टी का बांध, वहां अब फोर लेन की आहट !
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कभी सोचा भी न था !
आज से करीब 20 साल पहले घर बनाने के लिए मैंने जमीन खरीदी तो पास में नहर व उस पर मिट्टी का बांध बना था।
बरसात में उस जमीन पर पैदल ही जाना संभव था।
आज के ‘हिन्दुस्तान’ अखबार की खबर यह है कि
उस नहर पर चार लेन की सड़क बनेगी।
दानापुर डी.आर.एम. आॅफिस से होते हुए यह प्रस्तावित फोर लेन सड़क सरारी गुमटी पार करेगी।
वहां से जमालुद्दीन चक और कोरजी गांव होते हुए नकटी भवानी के पास एन.एच.-98 से जुड़ जाएगी।
जमालुद्दीन चक से नकटी भवानी की दूरी चार किलोमीटर है।
अभी इस सड़क की भारी मरम्मत सिंचाई विभाग कर रहा है।
इसी सड़क पर मेरा आवास अवस्थित है।
यह चार किलोमीटर सड़क दो राष्ट्रीय राजमार्गों को आपस में जोड़ती है।
मेैंने प्रभात खबर अखबार के अपने काॅलम में एकाधिक बार लिखा था कि सिर्फ चार किलोमीटर पर खर्च करके दो एन.एच. तक आसानी से पहुंचा जा सकता है ।
यह एम्स का फीडर रोड भी है।
साथ ही, इससे इलाके का विकास भी हो जाएगा।
उसी तर्ज पर कभी यह कहा गया था कि
‘अमेरिका ने सड़कें बर्नाइं और सड़कों ने अमेरिका को बना दिया।’’
पता नहीं, मेरे लिखने का शासन पर यह असर है या बिहार सरकार ने खुद ब खुद अपनी दूरदर्शिता दिखाई है।
जो भी हो,उसके लिए राज्य सरकार को धन्यवाद !
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अब कहिएगा कि यह तो किसी भी सरकार का कत्र्तव्य है।
इसमें धन्यवाद देने जैसी कौन सी बात हो गई ?
बात हो गई है।
क्यांेकि आजादी के तत्काल बाद की अधिकतर राज्य सरकारों ने विकास व कल्याण के कार्यों में पहले अपने ‘‘वोट बैंक’’ को प्राथमिकता दी।
सामान्य विकास को दूसरी वरीयता मिली।
पर,बाद के वर्षों में तो दूसरी वरीयता भी गुम हो गई।
पहली व आखिरी प्राथमिकता में सिर्फ अपनी व ‘वोट बैंक’ की ‘सेवा’ थी।
अब जब ‘सबका साथ, सबका विकास’ व ‘न्याय के साथ विकास’ की कोशिश हो रही है तो यत्र -तत्र -सर्वत्र विकास नजर आ रहा है।
लगे हाथ बता दूं कि सारण जिला स्थित मेरे पुश्तैनी गांव में 2009 में ही आजादी के बाद पहली
बार बिजली पहुंच सकी।
गांव तक पहुंचने के लिए स्टेट हाईवे भी तीन साल पहले बना।
गत विधान सभा चुनाव के बाद नीतीश सरकार विकास व कानून -व्यवस्था के क्षेत्रों में पहले से अब अधिक सक्रिय व गंभीर हो गई है।
तेवर भी कड़े लग रहे हंै।
उम्मीद है कि इस प्रस्तावित जमालुद्दीन चक-चकमुसा सड़क का निर्माण इसी साल शुरू हो जाएगा।
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मेरा पूरा परिवार अभी तो मसीजीवी ही है।
पर,कभी किसी सदस्य को अपना काम बदलने की इच्छा हुई तो उसके लिए भी मेरा यह घर वाणिज्यिक महत्व का साबित होगा।
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--सुरेंद्र किशोर--6 जनवरी 21
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