कानून तोड़ने की प्रवृत्ति
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‘‘सर तेज बहादुर सप्रू (1875-1949)का कहना था कि कानून तोड़ना तथा बड़े -बड़े जुलूस निकाल कर सत्याग्रह करना ,जो जनता को सिखाया जा रहा है, यह देश को अत्यंत हानि पहुंचाएगा।
विद्रोह का प्रचार करना बहुत सुगम है और विधान को तोड़ने के लिए जनता में प्रवृति पैदा करना भी कठिन काम नहीं है,परंतु वही जनता, जो आज अंगेजी सरकार के विधान को तोड़ना सीख रही है,जब हमको स्वतंत्रता मिल जाएगी तो हमारे अपने बनाए हुए विधान को भी तोड़ने को तैयार हो जाएगी और इस तरह देश को बहुत हानि पहुंचेगी।’’
उनकी यह भविष्यवाणी आज किस हद तक सच सिद्ध हो रही है,हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं।
--कैप्टन एम.पी.शर्मा
धर्मयुग, 18 दिसंबर 1966
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