गुरुवार, 7 जनवरी 2021

 आम जन से अलग-थलग 

पड़ता भारतीय विपक्ष

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    दृश्य-1

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नोटबंदी के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि 

‘‘इतिहास में पहली बार किसी प्रधान मंत्री ने नोटबंदी के जरिए गरीबों पर हमला किया है।

नोटबंदी मोदी निर्मित महा विपत्ति है।’’

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नोट बंदी के कुछ ही महीेने बाद उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव हुआ।

भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिल गयी।

क्योंकि गरीब नोटबंदी से खुश थे।

यानी, राहुल गांधी गरीबांे की भावना को नहीं समझ सके थे।

अंदाज लगाइए, प्रतिपक्ष आम जन से कितना कटा हुआ था।

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  दृश्य-2

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जी.एस.टी.लागू होने के बाद राहुल गांधी ने अक्तूबर, 2017 में कहा कि 

‘‘यह गब्बर सिंह टैक्स है।’’

किंतु व्यापारियों से भरे प्रदेश गुजरात में जब उसके तत्काल बाद विधान सभा चुनाव हुआ तो नतीजा भाजपा के पक्ष में रहा।

जनता से कितना कट गयी है कांग्रेस ? !!

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दृश्य-3

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पुलवामा व उसके बाद के  सर्जिकल स्ट्राइक का कांग्रेस ने मोदी सरकार से सबूत मांगा।

पर पक्का सबूत तो देश की आम जनता ने दे दिया।

नरेंद्र मोदी को पिछली बार की अपेक्षा 2019 के लोक सभा चुनाव में अधिक बहुमत मिल गया।

इस देश में आजादी के बाद जिस प्रधान मंत्री ने पहली बार सिर्फ अपनी लोकप्रियता के बल पर लगातार दूसरी बार लोस चुनाव जीता,उसका नाम है नरेंद्र मोदी।

कांग्रेस को पता ही नहीं चल सका कि सर्जिकल स्ट्राइक पर आम जनता की क्या राय है।

कितना कट गई है कांग्रेस आम लोगों से ?

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  दृश्य-4

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सितंबर, 2020 में संसद से किसान बिल पास हुआ।

तत्काल बाद में बिहार विधान सभा का चुनाव हुआ।

फिर राजग सत्ता में आ गई।

क्या बिहार में किसान नहीं बसते ?

बसते हैं। 

किंतु कांग्रेस के नेता तो सरजमीन से कट चुके हंै।

वे क्या जानंे किसानों का हाल ?

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अगला दृश्य

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  अधिकाधिक उपज व भारी मुनाफे के लिए पंजाब के खेतों में जितनी मात्रा में रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाएं डाली जाती हंै उतनी किसी भी जन हितैषी नेताओं वाले देश में नहीं डाली जाती।

  बेशुमार रासायनिक खाद के कारण जो अनाज वहां पैदा हो रहा है,उससे बड़े पैमाने पर पंजाब मंे कैसर के रोगी बढ़ रहे हैं।

पंजाब का अनाज बाहर भी जाता है।

वहां के बारे में भी सर्वे होना चाहिए।

  केंद्र सरकार पर तथाकथित किसानों के जरिए दबाव डलवा

कर पराली जलाने की छूट ले ली गई है।

अब दिल्ली के पर्यावरण का भगवान ही मालिक है।

दिल्ली के लोगांे,खास कर बच्चों व गर्भवती महिलाओं  के फेफड़े भीषण वायु प्रदूषण व मोटे धुएं से भले खराब होते जाएं, पर बिचैलियों व बड़े किसानों को तो सिर्फ अपने मुनाफे से मतलब है।


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पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के बाद देश में सी.ए.ए.और एन.आर.सी.लागू करने की केंद्र सरकार के समक्ष मजबूरी होगी।

अन्यथा,देर सवेर यह देश नहीं बचेगा।

तब इस देश के जेहादी तत्व फिर सड़कों पर आ जाएंगे।

उन्हें तथाकथित सेक्युलर दल व बुद्धिजीवी कवच प्रदान करेंगे।

उसका क्या नतीजा निकलेगा ?

भाजपा को उसके आगे के चुनावों में और भी अधिक बहुमत मिलेगा।

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नोट-

इस संबंध में मैंने एक राजनीतिक प्रेक्षक से पूछा,

‘‘इस देश का प्रतिपक्ष इतना गैर जिम्मेदार क्यों है ?

क्या गैर जिम्मेवार व्यवहार के जरिए वह अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मार रहा है ?

उसने कहा कि कल्पना कीजिए कि आपने नाजायज तरीके से 

एक हजार करोड़ रुपए कमा लिए हैं।

उसे सरकार ने जब्त कर लिया।

फिर क्या होगा ?

क्या तब भी आप अपना मानसिक संतुलन बनाए रख सकेंगे ?

मैंने कहा, ‘‘ बिलकुल नहीं।’’

उन्होंने कहा कि उसी तरह प्रतिपक्ष के अनेक नेता अपने होश ओ हवाश में नहीं है।

  एक तो भाजपा ने उनसे सत्ता छीन ली।

सत्ता से बाहर रहने पर जो पैसे काम आते हैं,उसे भी जब्त कर लिया।

फिर वही होगा, जो हो रहा है।

आगे -आगे देखिए होता है क्या !!!

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--सुरेंद्र किशोर -4 जनवरी 21

  

 


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