किसी ने ठीक ही कहा है कि
‘‘मनुष्य को अपना अहंभाव छोड़कर जीवन की छोटी -छोटी बाधाओं को यत्नपूर्वक पार कर लेना चाहिए।
क्योंकि इंसान पहाड़ से नहीं बल्कि छोटे- छोटे पत्थरों से ही ठोकर खाता है।’’
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मेरे बाबू जी भी कहा करते थे कि
‘‘छोटी -छोटी बातों में न पड़कर ऐसी लंबी लकीर खींचने की कोशिश करो कि तुम्हारे प्रतिस्पर्धी की सफलता की लकीर तुम्हारी लकीर से अपने -आप छोटी लगने लगे।’’
अपने कंटकाकीर्ण जीवन मार्ग में ऐसा मैंने किया भी और उसका बड़ा लाभ भी मुझे मिला।
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---सुरेंद्र किशोर- 12 जनवरी 20
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