जैविक खेती को बढ़ावा देने की सरकारी पहल समय की जरूरत-सुरेंद्र किशोर
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देश की 2 करोड़ 60 लाख एकड़ बंजर जमीन का पुनरोद्धार होने वाला है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनरोद्धार योजना पर काम करने के अपने निर्णय की घोषणा कर दी है।
दूसरी ओर, बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निदेशित किया है कि वे लोगों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करें।
यह अच्छी बात है कि हमारे हुक्मरानों ने एक बुनियादी समस्या के हल की ओर एक और ठोस कदम बढ़ाए हंै।
याद रहे कि हमारी अर्थ व्यवस्था मुख्यतः खेती पर निर्भर है।
ताजा सर्वेक्षण के अनुसार इस देश की जी.डी.पी.में खेती का करीब 20 प्रतिशत योगदान है।
साथ ही, 60 प्रतिशत आबादी को कृषि में रोजगार मिला हुआ है।
हमारे देश में कृषि को लेकर दो मुख्य समस्याएं रही हैं।
उर्वर जमीन को कैसे अनुर्वर होने से बचाया जाए ?
दूसरी समस्या बंजर जमीन को खेती योग्य बनाने की है।
उर्वर जमीन के अनुर्वर हो जाने की समस्या हरित क्रांति के साथ शुरू हुई।
हरित क्रांति के जरिए अनाज की उपज तो बढ़ी, किंतु रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं के जहां तहां अतिशय इस्तेमाल से जमीन की उर्वरा शक्ति मरी।
पंजाब में यह समस्या सर्वाधिक है।
बिहार के गरीब व पिछड़ा प्रदेश होने का एक तरह से हमें लाभ मिला।
हमने रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं का कई अन्य राज्यों की अपेक्षा कम इस्तेमाल किया।
नतीजतन हमारी खेती बर्बाद होने से काफी हद तक बची रही।
यदि मुख्य मंत्री की सलाह को लागू किया गया तो जैविक खाद का इस्तेमाल बढ़ेगा।
उससे न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा होगी,बल्कि खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।
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आरोप गलत हो तो सजा मिले
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राम मंदिर जमीन खरीद मामले में बड़ा आरोप सामने आया है।
आरोप घोटाले का है।
जब घोटाला हुआ है तो आरोप लगाने वालों को उसकी जांच के लिए अदालत की शरण लेनी चाहिए।
पर, अब तक की सूचना के अनुसार वे अदालत नहीं जा रहे हैं।
खबर आ रही है कि मंदिर निर्माण से जुड़े लोग ही अदालत जा रहे हैं।
वे मानहानि का मुकदमा करेंगे।
यदि ऐसा हुआ तो आरोप लगाने वालों को भी अवसर मिलेगा कि वे अपनी बात कोर्ट में साबित कर सकेंगे।
ऐसी मुकदमेबाजी को लोकतांत्रिक कानूनी प्रक्रिया का अंग ही माना जाना चाहिए।
लेकिन ऐसे मुकदमों में अंततः सुलह-माफीनामा-समझौता हो जाया करता है।
इससे अनर्गल आरोप लगाने वाले एक बार फिर किसी दूसरे निराधार मामले को लेकर किसी पर कीचड़ उछाल देते हैं।
इसके विपरीत यदि गलत आरोप लगाने वालों को सजा होती जाए तो ऐसे अन्य लोग हतोत्साहित होंगे।
यदि घोटाला करने वालों को सजा हो जाए तो वैसे लोग कोई अन्य घोटाला करने से पहले सौ बार सोचेंगे।
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सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी
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सोशल मीडिया पर कहीं से आई किसी भी अपुष्ट खबर को न तो शेयर करिए और न ही उसे फारवर्ड करिए।
कुछ लोगों ने ऐसी असावधानी की और वे हाल में केस में फंस गए।
वैसे यह उनकी असावधानी है या शरारत वह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
पर, उन्हें अपने काम छोड़कर अब कोर्ट-कचहरी की दौड़ तो लगानी ही पड़ेगी।
एक सामान्य आपराधिक घटना
को सांप्रदायिक मोड़ देने के आरोप में उत्तर प्रदेश के लोनी बाॅर्डर कोतवाली पुलिस ने ट्विटर के साथ -साथ दो पत्रकारों,एक मीडिया संस्थान,एक लेखिका व एक प्रमुख दल के तीन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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सर्प दंश दवा की उपलब्धता
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बिहार के उप मुख्य मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने निदेश दिया है कि सर्प दंश व कुत्ते के काटने की दवा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाए।
उप मुख्य मंत्री का निदेश फिलहाल मुंगेर जिले के बारे में है।
उन्होंने कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाएं उपलब्ध हों।
यह एक मामूली किंतु बहुत ही जरूरी बात है।
इन दवाओें को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
अक्सर यह सुना जाता है कि सर्प दंश की दवा कहीं नहीं मिल रही है।नतीजतन गरीब लोग झाड़ फंूक वालों की शरण में जाने को बाध्य होते हैं।
इस तरह कई बार वे जान गंवा देते हैं।
उम्मीद है कि उप मुख्य मंत्री के निदेश को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
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राजद्रोह के मामलों में सतर्कता जरूरी
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केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी, 1962 को अपना ऐतिहासिक जजमेंट दिया था।
राजद्रोह के संबंध में लिखा गया वह जजमेंट आज भी लागू है।
सुप्रीम कोर्ट उस पर कायम है।
हाल के दिनों में राजद्रोह को लेकर कई जजमेंट हुए हैं।
ताजा निर्णयों को देखकर इस बात की जरूरत महूसस की जा रही है कि सन 1962 के उस जजमेंट की काॅपी उन सब लोगों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए जो लोग अपनी -अपनी जगह से इस देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को कारगर बनाए रखने की कोशिश में लगे हुए रहते हैं।
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और अंत में
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कुछ दशक पहले की बात है।
राम विलास पासवान से एक खास सवाल पूछा गया।
वह सवाल था-आपने प्रतिस्पर्धी दल के दबंग के खिलाफ अपनी ओर से भी दबंग उम्मीदवार को ही खड़ा
क्यों कर दिया ?
राम विलास जी ने प्रति प्रश्न किया-‘‘क्या आप यह चाहते हैं कि हम बाघ के खिलाफ किसी बकरी को खड़ा कर दें ?’’
ताजा खबर यह है कि लोजपा के दोनों धड़ों ने बिहार शाखा का प्रधान जिन्हें बनाया है,उन्हें कोई व्यक्ति थोड़ा भी कमजोर नहीं कह सकता।
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कानोंकान,
प्रभात खबर,
पटना
18 जून 21
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