शरणार्थी के वेश में आतंकवादी-पुतिन
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अफगानी शरणार्थियों के बारे में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ठीक ही कहा है कि
‘‘हम शरणार्थी के वेश में आतंकवादी नहीं चाहते।’’
यूरोप के अन्य देश भी इस बार सावधान हैं।
वे भी अफगानी शरणार्थी नहीं चाहते।
वे देख चुके हैं कि सिरिया के शरणार्थियों ने बाद में वहां क्या -क्या कारनामे किए।
56 मुस्लिम देशों में से कोई अफगान के शरणार्थियों को शरण देने को तैयार नहीं है।
हां, सिर्फ हमारे देश के कुछ उल्टी खोपड़ी वाले बुद्धिजीवी (वे अपने ‘फादरलैंड’ चीन व रूस से भी नहीं सीखते),वोटलोलुप राजनीतिक दल व जेहादी तत्व अधिक से अधिक अफगानी मुस्लिम शरणार्थियों को भारत बुलाने व उन्हें नागरिकता देने के लिए टी.वी.चैनलों पर चिल्ला रहे हैं।
जयचंद तो इनके समक्ष आज निर्दोष लगता है जिसका आए दिन नाम लिया जाता है।
उसने चैहान का सिर्फ साथ ही तो नहीं दिया था।
वह गोरी की तरफ से लड़ने नहीं गया था।
हां, मान सिंह अकबर की तरफ से जरूर लड़ा था।
उससे पहले जब -जब जयचंद ने पृथ्वीराज का साथ दिया,चैहान जीता।
पर, अंत में जयचंद का भी क्या हुआ ?
वह भी गोरी के हाथों मारा गया।
जो इतिहास नहीं पढ़ते ,वे उसे दोहराने को अभिशप्त होते हैं।
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25 अगस्त 21
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