शनिवार, 28 अगस्त 2021

     दोस्त-दुश्मन की पहचान

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अफगानिस्तान खासकर काबुल के ताजा नर- 

संहार की घटना ने भारत के लिए एक काम 

आसान कर दिया।

इस देश को उसने अपने भीतर-बाहर, खासकर भीतर के

दोस्तांे व दुश्मनों को पहचानने का अच्छा अवसर दे दिया।

बस, यही देख-जान लेना है कि वहां की ताजा नृशंस घटना पर किसकी क्या राय है।

यह भी कि कौन मौन है और कौन मुखर !

    इस पहचान के बाद इस देश को अपनी आगे की रणनीति-युद्धनीति बनाने में सुविधा हो जाएगी।

   --सुरेंद्र किशोर

28 अगस्त 21

  


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