भारतीय संसद पर आतंकी हमला
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13 दिसंबर ,2001 को भारतीय संसद पर हुए भीषण हमले के बाद इस देश के एक तथाकथित सेक्युलर नेता ने भारत सरकार से मांग की थी कि वह पाक सरकार को
मुआवजा दे !
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सुरेंद्र किशोर
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13 दिसंबर, 2001 को जेहादियों ने भारतीय संसद पर जोरदार हमला किया था।
14 लोगों की मुख्यतः संतरियों की जानें गईं।
यदि संतरी सतर्क नहीं रहे होते तो न जाने कितने सांसदों की जानें भी चली जातीं।
हमले के समय संसद की कार्यवाही जारी थी।
उस घटना के बाद पाक और भारत के बीच भारी तनाव हो गया।
दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर पहुंच गईं।
कुछ समय तक लगा कि युद्ध होकर रहेगा।
पर, युद्ध टल गया।
क्योंकि अटल और मोदी में फर्क है।
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किंतु भारत के एक नेता ने उस पर क्या बयान दिया ?
याद है ?
अखबारों में छपा वह बयान मुझे याद है।
किंतु उस नेता का नाम यहां नहीं लिखूंगा।
क्योंकि संबंधित कटिंग अभी मेरे सामने नहीं है।
एक प्रमुख दल के शीर्ष नेता ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान सरकार को मुआवजा दे।
क्योंकि सेना को बैरकों से निकाल कर सीमा पर पहुंचाने में पाकिस्तान सरकार को भारी खर्च उठाना पड़ा है।
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दरअसल वह खर्च तो भारत सरकार को भी उठाना पड़ा था।
किंतु वोट बैंक लोलुप उस नेता को पाकिस्तान सरकार के खर्चे की अधिक चिंता थी।
उस नेता को पाक खुफिया एजेंसी आइ एस आई का एजेंट भी कहा जाता रहा है।
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ऐसे पाक परस्त नेताओं की इस देश में कभी कोई कमी नहीं रही है।
भाजपा के मजबूत होने का यह भी एक कारण है।
आप कल्पना कीजिए कि इस देश की सुरक्षा के प्रति जो सरकारें संवेदनशील रहा करती हैं,उनके सामने बाहर व भीतर से कितनी बड़ी-बड़ी चुनौतियां आती रहती हैं।
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13 दिसंबर 21
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