भारत रत्न के हकदार कर्पूरी ठाकुर
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सुरेंद्र किशोर
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24 जनवरी, 2024 को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101 वीं जन्म जयंती के अवसर पर पटना में समारोह होगा।
उस अवसर पर उनकी संक्षिप्त जीवनी का लोकार्पण होगा।
संपादक द्वय रमाशंकर सिंह और के.सी.त्यागी इस काम मंे लगे हुए हैं।
यदि इस अवसर पर नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें ‘भारत रत्न’सम्मान से सम्मानित करे तो वह सर्वथा उचित होगा।
मेरी धारणा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पद्म सम्मान उन्हें ही दिए जा रहे हैं जो इसके असली हकदार हैं।
(बहुत पहले सरदार खुशवंत सिंह ने कहा था कि मैं यह बात नहीं समझ पाता हूं कि पद्म सम्मान देने का आधार या मापदंड क्या होता है !’’)
सन 2019 के बाद भारत रत्न सम्मान किसी को नहीं मिला है।
मोदी सरकार यदि इस सम्मान के लिए महान हस्तियों का कोई तुलनात्मक अध्ययन कराएगी तो मेरा विश्वास है कि कर्पूरी ठाकुर का नाम भारी पड़ेगा।
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कर्पूरी जी ‘भारत रत्न’ के हकदार है, यह बात कहने का मेरे पास ठोस आधार है।
समाजवादी कार्यकर्ता के रूप में मैं सन 1972-73 में कर्पूरी ठाकुर का निजी सचिव था।
करीब डेढ़ साल तक रात-दिन जिस व्यक्ति के साथ आप रहेंगे,उसके बारे में आप लगभग सब कुछ जान जाएंगे।
बाद के वर्षों में भी मैंने कर्पूरी जी को एक पत्रकार की हैसियत से देखा-परखा।
उन मिले-जुले अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि कर्पूरी ठाकुर जैसा नेता मैंने नहीं देखा।
होंगे,पर,मैंने नहीं देखा।
हर व्यक्ति में कुछ कमियां होती हैं तो कुछ खूबियां भी।
यह बात हम पर, आप पर और कर्पूरी ठाकुर पर भी लागू होती है।
पर, सारी बातों पर विचार करने के बाद भी मेरी यही धारणा बनी है कि ‘‘कर्पूरी जैसा कोई नहीं।’’
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15 सितंबर 23
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पुनश्चः
कुछ महीने पहले दक्षिण भारत के एक व्यक्ति ने मुुझे फोन किया था।
उन्होंने पूछा कि क्या कर्पूरी
ठाकुर के जीवन पर अंग्रेजी में कोई सामग्री उपलब्ध है ?
मैंने कहा कि मुझे तो नहीं मालूम।
यदि देश के समर्थ व्यक्तित्व रमाश्ंाकर सिंह इस कमी को पूरा कर दें तो वह भी एक सार्थक काम होगा।
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