जे डी एस-भाजपा मिलन का परिणाम ?
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सुरेंद्र किशोर
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पूर्व प्रधान मंत्री एच.डी.देवगौडा के नेतृत्व वाला जनता दल -एस अब
भाजपा नीत राजग का हिस्सा बन गया।
कर्नाटका के विधान सभा चुनाव (2023)में मुसलमान मतदाताओं ने (एक देशव्यापी रणनीति के तहत) जब जेडी एस का साथ छोड़ दिया तो जेडी एस को भाजपा से गठबंधन करना ही था।
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याद रहे कि इस साल के विधान सभा चुनाव में जेडी एस का वोट पहले की अपेक्षा करीब 5 प्रतिशत घट गया।
दूसरी ओर, कांग्रेस का करीब उतना ही वोट बढ़ गया।
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अब सन 2024 के लोक सभा चुनाव में कर्नाटका में क्या रिजल्ट होगा, ,उसके बारे मंे कोई अनुमान लगाने से पहले पिछले चुनावी आंकड़े को देख लीजिए।
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कर्नाटका विधान सभा चुनाव -2023
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दल ---प्राप्त मतों को प्रतिशत
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कांग्रेस---42.9 प्रतिशत
भाजपा-- 36 प्रतिशत
जेडी एस--13.3 प्रतिशत
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इन दिनों इस देश के अधिकतर मुसलमान मतदातागण हर जगह सिर्फ उसी एक दल या गठबंधन को एकमुश्त वोट दे रहे हैं जो भाजपा के खिलाफ सर्वाधिक मजबूत है।
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हाल के विधान सभा चुनावों में पश्चिम बंगाल,केरल,(2021)उत्तर प्रदेश(2022) और कर्नाटका(2023) में यही हुआ।
संकेत हैं कि आगे भी यही होगा।
ध्यान रहे कि कर्नाटका में भाजपा का वोट सन 2018 की अपेक्षा नहीं घटा।
हां,कांग्रेस का वोट जरूर बढ़ गया।
इसीलिए कांग्रेस बड़े बहुमत से वह सत्ता में आ गयी।
यह सिर्फ मुस्लिम वोट की एकजुटता का कमाल है।
जेडी एस के भाजपा से जुड़ जाने पर आगे क्या होगा ?
अगले लोक सभा चुनाव में कर्नाटका में कैसा रिजल्ट होगा ?
खुद ही अनुमान लगा लीजिए।
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हां,देश में अगले किसी भी चुनाव में जहां भी मुस्लिम वोट निर्णायक है,वहां भाजपा की जीत की संभावना कम रहेगी।वैसे इसका काउंटर-रिएक्सन भी होना ही है।
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22 सितंबर 23
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