रविवार, 24 सितंबर 2023

 


भूली-बिसरी याद

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‘‘शुकराना के तहत आपके कहने

 पर किसी एक की हत्या कर दूंगा’’

---माफिया के शूटर ने मुझसे कहा था

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सुरेंद्र किशोर

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अस्सी के दशक में मैंने माफिया के एक शूटर का इंटरव्यू किया था।

वह सनसनीखेज इंटरव्यू ‘जनसत्ता’ में छपा।

उसमें अंडर वल्र्ड की सजीव व सनसनीखेज कहानियां थीं।

उसे पढ़कर इंडियन एक्सपे्रस प्रकाशन समूह के मालिक रामनाथ गोयनका ने जनसत्ता के संपादक प्रभाष जोशी से कहा था कि तुम्हारा पटना वाला तो बड़ा खरा आदमी है !

यह बात खुद प्रभाष जी ने मुझे बाद में बताई थी।

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उससे पहले वह शूटर मेरे एक परिचित को लेकर मेरे घर आया था।

उसने मुझसे कहा था कि सारी हत्याएं मैं करता हूं।

पर, नाम एक माफिया का होता है।

मेरा नाम भी होना चाहिए।

मैंने कहा कि यदि आप सारी हत्याओं के विवरण मुझे बताएं और स्वीकारोक्ति बयान पर दस्तखत करके मुझे दे दें तो जरूर छपेगा।

उसने वैसा ही किया।

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छपने के बाद उसके इलाके में उसका बड़ा ‘‘नाम’’ हुआ।

खुश होकर मेरे पास आया।

मेरा पैर छूकर प्रणाम किया।

मुझसे कहा कि भइया . मैं आपको कुछ दे तो नहीं सकता।किंतु आपके कहने पर मैं किसी एक की हत्या जरूर कर सकता हूं।

उसका निशाना अचूक होता था।पुलिस भी बताती थी।

मैंने उससे कहा कि अब आप नामी-गिरामी  हो चुके हैं।

राजनीति में सक्रिय होइए।

हत्या वगैरह अब बंद कीजिए।उसने सहमति जताई।

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पर,कुछ ही महीनों के बाद मेरे पास आया। 

कहा कि फलां (माफिया)

कह रहा हैं कि फलां (एक बहुत बड़े नेता)की हत्या कर दो।

क्या यह काम करना सही होगा ?

मैं आपको गुरु मानता हूं।आप जो कहेंगे करूंगा।

मैंने कहा कि कत्तई हत्या मत कीजिए।

उसने कहा कि हां, भइया,मैं भी दुविधा में था।

क्योंकि एक नेता की हत्या फलां (माफिया)के कहने पर मैंने की थी।

उसने मुझे सिर्फ 250 रुपए दिए और कहा कि भाग जाओ।

मैं भाग गया।

फरारी में मुझे बड़ा कष्ट हुआ।

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24 सितंबर 23


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