बुधवार, 6 सितंबर 2023

 


भारतीय संविधान की मूल प्रति के हिन्दी संस्करण

 की प्रस्तावना में ‘‘इंडिया’’शब्द  क्यों नहीं ?

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--सुरेंद्र किशोर

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भारत के संविधान की मूल प्रति मेरे निजी पुस्तकालय में उपलब्ध है।

हिन्दी और अंग्रेजी दोनों संस्करण मैंने एक बार फिर देखे।

प्रस्तावना पढ़ी।

 अंग्रेजी संस्करण की प्रस्तावना में भारत शब्द नहीं है।

हिन्दी संस्करण की प्रस्तावना में इंडिया शब्द नहीं है।

ऐसी असंगति क्यों ?!!

बी.बी.सी.वाले डा.विजय राणा बताते हैं कि संविधान के किसी भी भाषाई संस्करण में इंडिया शब्द नहीं है।

जाहिर है कि यह फैसला तो संविधान सभा का ही है।

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भारत तो देसी नाम है।

प्राचीन है।

परंपरागत है।

भारत शब्द हमारे प्राचीन ग्रंथ में भी मिलता है।

इंडिया तो अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है।

वह गुलामी की निशानी है।

आजादी के बाद की हमारी सरकारों ने बारी -बारी से नई 

दिल्ली की उन सड़कों के वे नाम बदल दिए जो गुलामी की निशानी थे।

पता नहीं संविधान से इंडिया शब्द को क्यों नहीं बदला ?

नहीं बदला तो यह काम मौजूदा सरकार कर रही है।

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आजादी के बाद नई दिल्ली की जिन सड़कों के नाम बारी -बारी से बदल दिए गए,उनके नये-पुराने नाम यहां दिए जा रहे हैं--

1.-किंग्स वे--राजपथ

 2.-कुतुब रोड--श्री अरविंद मार्ग

3.-क्लाइव रोड--त्यागराज मार्ग

4.-लिटिन रोड--काॅपरनिकस मार्ग

5-किंग एडवर्ड रोड--मौलाना आजाद रोड

6.-विक्टोरिया रोड--राजेंद्र प्रसाद रोड

7.-हेस्टिंग्स रोड--कृष्ण मेनन मार्ग

8.-इम्पीरियल रोड--जनपथ

9.-कैंटोनमेंट रोड--बाबा खड़ग सिंह रोड

10.-क्वीन मेरिज एवेन्यू --पंडित पंत मार्ग

11-एलनबाई रोड--डा.बिशम्बर दास मार्ग

12.-बेयर्ड रोड--बंगला साहिब मार्ग

13.-मार्किट रोड--भाई वीर सिंह मार्ग

14-इबटसन रोड--रामकृष्ण आश्रम मार्ग

15.-लोअर रिज रोड--मन्दिर मार्ग

16.-वेजले  रोड--जाकिर हुसैन मार्ग

17.-लेडी हार्डिंग रोड--शहीद भगत सिंह रोड

18.-बेअर्ड रोड--गुरुद्वारा बंगला साहिब रोड 

19.-सर्कुलर रोड--जवाहरलाल नेहरू मार्ग

20.-राऊज एवेन्यू --दीन दयाल उपाध्याय मार्ग

21.-ओल्ड मिल्स रोड--रफी मार्ग 

22.-अलबुकर रोड--तीस जनवरी मार्ग

23.-साऊथ एंड रोड--राजेश पायलट मार्ग 

24.-हार्डिंग एवेन्यू--तिलक मार्ग

25.-कर्जन रोड--कस्तूराबा गांधी मार्ग

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इसके बाद मद्रास,बंबई और कलकत्ता सहित 19 नगरों के नाम बदले गये।

ऐसा क्यों हुआ ?

ऊपर के नाम बदलने जरूरी थे तो उसी तर्क के आधार पर इंडिया दैट इज भारत को भारत करना भी जरूरी था।जरूरी है।

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6 सितंबर 23


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