मंगलवार, 9 अप्रैल 2024

    इसलिए हो रहा है अग्निवीर योजना का विरोध !

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सन 2022 में भारत सरकार ने अग्निवीर योजना शुरू की।

इसके तहत चार साल की टंें्रनिंग व सेवा के बाद इनमें से कुछ अग्निवीरों को तो तुरंत सरकारी नौकरी दे देनी है।

बाकी फिलहाल अपने घर लौट जाएंगे और नौकरी की प्रतीक्षा करेंगे।उन्हें सरकार कुछ मिलेगा भी।

सरकारी अनुमान के अनुसार उन्हें भी देर-सबेर सरकारी या गैर सरकारी नौकरी मिल जाएगी।क्योंकि ये प्रशिक्षित हैं।

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पर,इस बीच जब वे अपने घरों में रहेंगे तो उनके परिजन चोर-डकैत ही नहीं बल्कि अन्य तरह के हिंसक तत्वों खास कर जेहादियों से भी खुद को एक हद तक सुरक्षित महसूस करेंगे।

आज इस देश के अधिकतर घरों के लोग हथियार विहीन हैं।सरकारें आग्नेयास्त्र के लाइसेंस देने में उदारता नहीं बरतती जबकि आज कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।स्थिति और भी गंभीर होने वाली है।

उधर जेहादी व प्रतिबंधित संगठन पी.एफ.आई. कुछ मुस्लिम युवाओं को बरगला कर सेना यानी कातिलों का दस्ता तैयार कर रहा है।

पी.एफ.आई.का लक्ष्य है कि यदि 10 प्रतिशत मुस्लिम युवक तैयार हो जाएं तों उनकी सेना बनाकर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देना है।

पर,पी.एफ.आई.को भारत के मुस्लिम समुदाय से अब तक इस मामले में निराशा ही मिल रही है।क्योंकि अधिकतर मुस्लिम शांति चाहते हैं।

पर, छिटपुट हिंसा-हंगामे लायक पी.एफ.आई. के पास ताकत तो हो ही गयी है।

शाहीन बाग की घटना इसका उदाहरण है।

प्रतिबंधित पी.एफ.आई.का राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई.है जिसने कांग्रेस को मदद करने का निर्णय किया है।कर भी रही है।वह कांग्रेस को अपने से सबसे करीबी मानता है।

उसने कर्नाटका-तेलांगना के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की मदद करके उसें सत्ता में पहंुचाया।

इस उपकार का बदला ???

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इस पृष्ठभूमि में जो लोग अग्निवीर

योजना का विरोध कर रहे हैं ,वे आखिर क्या चाहते हैं ?

वे चाहते हैं कि अधिकतर भारतीय परिवार निहत्था बना रहें।  उनके घर में कोई एक भी ऐसा सदस्य उपलब्ध न हो जो हथियारबंद आपराधियों का मुकाबला कर सके ।

याद रहे कि अपनी जान बचाने के लिए हमलावर पर हमला करने का कानूनी अधिकार हर भारतीय नागरिक को हासिल है।

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9 अप्रैल 24

   


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