एक सुखद घटना
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मैं जहां रहता हूं यानी कोरजी गांव (फुलवारीशरीफ अंचल)में, वहां हाल के दिनों में दो बार अगलगी हुई।
एक पड़ोसी ने अग्नि शमन सेवा को 101 नंबर पर काॅल किया।
आग बुझाने वाली गाड़ियां तुरंत आ पहुंचीं।
यह मेरे लिए सुखद आश्चर्य की बात थी।
अग्नि शमन सेवा को ऐसी तत्परता के लिए धन्यवाद !
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अतिक्रमणकारियों के खिलाफ
भी हेल्पलाइन की जरूरत
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त्वरित अग्नि शमन सेवा को देखकर एक विचार आया।
मुख्य पटना की मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण करके दुकानें सजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी राज्य शासन एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करे।
जहां कहीं फुटपाथ या सड़क के बीचों- बीच अतिक्रमण दिखाई पड़े,नागरिक उस हेल्प लाइन नंबर पर काॅल करें।
तुरंत हल्ला गाड़ी आए और अतिक्रमणकारियों के साथ यथा -योग्य बर्ताव कर दे।
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दरअसल बडे़-बडे़ अफसर पटना की सड़कों पर निकल कर पूर्वान्ह में तो अतिक्रमण हटवा देते हैं।
पर,उसी दिन अपरान्ह में एक बार फिर वहीं अतिक्रमण करवा दिया जाता है।(कहते हैं कि मारने वालों से बचाने वाला ताकतवर होता हैै !)
यानी,अतिक्रमणकारियों पर पूरे राज्य शासन की भी कोई धाक नहीं।
जब ऐसी धारणा बलवती होती है तो समाज के दूसरे कानून -तोड़क लोग भी जहां -तहां बेखौफ होकर तरह -तरह के अपराध करते रहते हैं।
कहीं भी किसी को
गोली मार देने से लेकर किसी से भी (अधिकतर सरकारी दफ्तरों में) खुलेआम घूस ले लेने का अपराध चलता रहता है।
बिहार में जब बाहुबली काफी अधिक ताकतवर थे तो कई बार वे अफसरों को हड़का कर अपने लोगों का घूस माफ करवा देते थे।
कई गरीब लोग आज यह महसूस करते हैं कि वह तो (यानी वह रोबिनहुड तो) हमारा सहारा था !
आज तो घूसखोरों पर तभी कार्रवाई होती है जब कोई स्टिंग आॅपरेशन करता है।कोई राजनीतिक दल यदि अपना स्ंिटंग आपरेशन शाखा खोले तो वह बहुत जल्द लोकप्रिय हो जाएगा।
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29 अप्रैल 24
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