दूर की कौड़ी
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कुछ खास लोगों के परिजन अपने खास
के लिए 4 जून से पहले ही कुछ खास
तरह के अस्पतालों में सीटें रिजर्व करा लें
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सुरेंद्र किशोर
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ज्ञानपीठ पुरस्कृत कन्नड लेखक यू.आर. अनन्तमूर्ति ने
19 सितंबर. 2013 को कहा था कि
‘‘यदि नरेन्द्र मोदी प्रधान मंत्री बन जाएंगे तो मैं इस देश में नहीं रहूंगा।’’
26 मई 2014 को मोदी प्रधान मंत्री बन गये।
इसके बावजूद अनन्तमूर्ति जी ने देश नहीं छोड़ा ।
उन्होंने अपना विचार बदल लिया।
पर, मोदी के पी.एम.बनने के तीन ही महीने बाद अनन्तमूर्ति जी का निधन हो गया।
पर,इस बीच इस देश में ‘‘अनन्तमूर्तियों’’ की संख्या बढ़ गयी है।
विभिन्न क्षेत्रों के आज के अनन्तमूर्तियों के समक्ष 4 जून के बाद और भी अधिक कठिनाइयां उपस्थित होने वाली हैं।
सन 2014 में सत्ता में आने के बाद कई हलकों में यह उम्मीद भी की भी जाती थी कि मोदी अगली बार शायद सत्ता से हट सकता है।
पर तीसरी बार सत्ता में आ जाने के बाद फिलहाल उस उम्मीद की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी।
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4 जून 2024 को लोक सभा चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।
राजनीति के मौसमी पक्षियों ने हमें पहले ही संकेत दे दिया है कि चुनावी हवा का रुख किधर है।
आपने जरूर ध्यान दिया होगा कि पिछले कुछ महीनों में किस खास दल की ओर अन्य दलों से सबसे
अधिक महत्वपूर्ण दल बदल हुए हंै।
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संकेत मिल रहे हैं कि 4 जून और 5 जून 24 को कई जगह ‘‘सीटों’’ की भारी कमी महसूस की जा सकती है।
संभव है कि मेरा यह पूर्व अनुमान गलत निकले।यदि गलत निकलेगा तो मुझे भी खुशी होगी।
पर,संकेत तो गड़बड़ मिल रहे हैं।
आज के अनन्तमूर्तियों के बोल वचन भी ठोस संकेत दे रहे हैं।
जहां -जहां कमी हो सकती है ,उनके नाम हैं--
1.-अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में
2.-इस देश के सामान्य अस्पतालों में
3.-इस देश के वैसे अस्पतालों में जिसकी हृदय रोग
की विशेज्ञता है।
4.-मानसिक आरोग्यशालाओं में तो भारी कमी हो सकती है।
क्योंकि पहले से ही वहां जगह की तंगी है।
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13 मई 24
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