रविवार, 12 मई 2024

 अति सर्वत्र वर्जयेत्

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चाणक्य से किसी ने पूछा--

‘‘जहर क्या है ?’’

चाणक्य ने कहा --

‘‘ हर वो चीज जो जिन्दगी में आवश्यकता से अधिक होती है,वही जहर है।

फिर चाहे वो ताकत हो,

धन हो,

भूख हो,

लालच हो,

अभिमान हो,

आलस हो,

या घृणा होे।

आवश्यकता अधिक जहर ही हैं’’

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