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जेहाद का खुलेआम आह्वान
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प्रतिबंधित जेहादी संगठन ‘सिमी’ के सुप्रीम
कोर्ट में वकील थे सलमान खुर्शीद
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सुरेंद्र किशोर
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पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खान(समाजवादी पार्टी )ने अपनी बिरादरी के लोगों से ‘‘वोट जेहाद’’ करने की सार्वजनिक रूप से अपील की है।
इसको लेकर चाचा-भतीजी पर केस दायर हुआ है।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के तब के अध्यक्ष
सलमान खुर्शीद तो प्रतिबंधित जेहादी संगठन सिमी के सुप्रीम कोर्ट में वकील रह चुकेे हैं।
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1977 में अलीगढ़ में स्थापित सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया, जमात ए इस्लामी से जुड़ा हुआ था।
पर, जब सन 1986 में सिमी ने ‘‘इस्लाम के जरिए भारत की मुक्ति’’ का नारा दे दिया तो
जमात ए इस्लामी हिंद ने सिमी
से अपना संबंध तोड़ लिया।
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सन 2001 में जब ‘सिमी’ पर वाजपेयी सरकार ने प्रतिबंध लगाया तो प्रतिबंध के खिलाफ सलमान खुर्शीद सिमी के सुप्रीम कोर्ट में वकील बन गये।
सिमी ने प्रतिबंध के खिलाफ अदालत की शरण ली थी।पर,अदालत से उसे कोई राहत नहीं मिली।
कोई कह सकता है कि वकील तो किसी का भी वकील बन सकता है।
तो क्या यह पूछा जा सकता है कि सलमान खुर्शीद कभी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील बनना पसंद करेंगे ?
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अटल सरकार ने ही नहीं
बल्कि मनमोहन सरकार ने भी
सिमी पर प्रतिबंध लगाया था।
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मन मोहन सिंह सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ‘‘सिमी के लोग जेहाद का प्रचार कर रहे हैं और कश्मीर में आतंकवादियों की पूरी मदद
कर रहे हैं।’’
(.टाइम्स आॅफ इंडिया --21 अगस्त 2008)
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केरल के डी.जी.पी.ने केरल हाईकोर्ट को बताया था कि ‘‘सिमी के लोगों ने ही पी.एफ.आई.यानी पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया बनाया है।’’
याद रहे कि पी.एफ.आई.ने हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देने का लक्ष्य तय किया है।
जांच एजेंसियों के अनुसार,इस उद्देश्य से पी.एफ.आई. इस देश में हथियारबंद कातिलों दस्ता बना रहा है।
पी.एफ.आई.ने कहा है कि जिस दिन 10 प्रतिशत मुसलमान भी हमारे साथ आ जाएंगे,हम भारत को इस्लामिक देश बना देंगे।
इसका मतलब है कि भारत के 10 प्रतिशत मुस्लिम भी उसके साथ नहीं हैं।यह इस देश के लिए शुभ लक्षण है।जो नहीं हैं,उन्हें धन्यवाद।
किंतु दूसरी ओर लगभग सारे तथाकथित सेक्युलर दल सिमी और पीएफआई के साथ रहे हैं।याद कीजिए कि शाहीन बाग के धरने में एकजुटता दिखाने के लिए इस देश के किन किन दलों के कौन कौन नेता गये थे।
उस धरने को विदेशी पैसे पी एफ आई ने ही आयोजित किया था।
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पी.एफ.आई.के राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई. से कांग्रेस का पुराना तालमेल चल रहा है।
पी.एफ.आई. की मदद से ही राहुल गांधी नायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं।पी.एफ.आई.-एस.डी.पी.आई. ने ही पिछले विधान सभा चुनाव में कर्नाटका और तेलांगना में मुसलमानों के अधिकतर वोट सिर्फ कांग्रेस को दिलवाये।
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याद रहे कि सलमान खुर्शीद, हिन्दुत्व की तुलर्ना आइ. एस. आई. एस. और बोको हरम से कर चुके हैं।
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पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया से
हामिद अंसारी का कैसा रिश्ता
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सितंबर, 2017 में पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी केरल के कोझीकोड में आयोजित महिलाओं के एक सम्मेलन में शामिल हुए थे।
वह महिला संगठन पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया से संबद्ध है।
क्या हामिद साहब को फ्रंट की 2047 वाली योजना का तब पता नहीं था ?
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क्या इस देश के वे तथाकथित सेक्युलर नेता देश से माफी मांगेंगे जो वर्षों तक आई.एम. और पी.एफ.आई. के पूर्ववर्ती संगठन सिमी को छात्रों का एक मासूम संगठन बताते रहे ?
एक तरफ सिमी अखबारों में बयान देेकर यह कहता रहा कि हमारा उद्देश्य
हथियारों के बल पर इस देश में इस्लामिक शासन कायम करना है।दूसरी ओर अनेक राजनीतिक व बौद्धिक संगठन सिमी का बचाव करते रहे।
सिमी ने कई बार यह घोषणा की कि वह हथियारों के बल पर पूरी दुनिया में इस्लाम का शासन कायम करना चाहता है। आश्चर्य है कि इसके बावजूद इस देश के कई बुद्धिजीवी और अनेक नेता सिमी को छात्रों का निर्दोष संगठन बताते रहे।
सिमी के बिहार जोन के सचिव रियाजुल मुसाहिल ने 20 सितंबर 2001 को कहा था कि ‘‘कुरान हमारा संविधान है। यदि भारतीय संविधान का कुरान से टकराव होता है तो हम संविधान से बंधे हुए नहीं हैं। हम भारत सहित पूरी दुनिया में खलीफा का शासन चाहते हैं।’’
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अहमदाबाद धमाकों के बाद पकड़े गए सिमी सदस्य अबुल बशर ने बताया था कि ‘‘सिमी की इस नीति से प्रभावित हूं कि लोकतांत्रिक तरीके से इस्लामिक शासन संभव नहीं है। उसके लिए एकमात्र रास्ता जेहाद है।’’
याद रहे कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में एक साथ 21 बम विस्फोट हुए थे जिनमें 56 लोगों की जानें गयीं थीं। इंडियन मुजाहिदीन ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। याद रहे कि सिमी के सदस्य ही आई.एम. में सक्रिय हो गये थे।
सिमी के अहमदाबाद के जोनल सेके्रट्री साजिद मंसूरी ने 2001 में एक मीडिया से बातचीत में कहा था कि ‘‘जब हम सत्ता में आएंगे तो सभी मंदिरों को नष्ट कर देंगे और वहां मस्जिद बना देंगे।’ मंसूरी का बयान 30 सितंबर 2001 के अखबार में छपा था। उपर्यक्त तथ्य सिमी-इंडियन-पी एफ आई की कार्य शैली को समझने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
2012 में पश्चिम बंगाल के डी.जी.पी.एन.मुखर्जी ने कहा था कि सिमी के जरिए आई.एस.आई.ने माओवादियों से तालमेल बना रखा है।
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हरि अनंत हरि कथा अनंता !
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1 मई 24
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