गुरुवार, 23 मई 2024

 चुनावी भविष्यवाणी करना कोई 

राजदीप सरदेसाई से सीखे

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चुनाव विश्लेषणकर्ताओं और नतीजों को 

लेकर भविष्यवाणी करने वालों से 

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2014 का लोक सभा चुनाव

2019 का लोक सभा चुनाव

2017 का उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव

2022 का उत्तर प्रदश विधान सभा चुनाव

2023 का मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव

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पिछले दस साल के सिर्फ इन 5 चुनावों को ही लेता हूं।

आप भाजपा समर्थक हों या भाजपा विरोधी,उससे मुझे कोई मतलब नहीं।

  हर व्यक्ति किसी न किसी का समर्थक होगा ही।वोट तो किसी न किसी को सब देते ही हैं।

किसी एक ही दल को तो देते हैं।

उस क्रम में पक्षधरता तो आ ही जाती है।

पर,पेशेगत ईमानदारी भी कोई चीज होती है।

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आपने हाल के उन पांच प्रमुख चुनावों के भावी नतीजों को लेकर तब क्या-क्या भविष्यवाणियां की थीं ?

यानी, अपनी कलम से किसे ‘जितवाया’ था और किसे ‘हरवाया’ था ?

वास्तव में कौन जीता और कौन हारा ?

आपकी पांच में से कितनी भविष्यवाणियंा सच साबित हुईं थीं ?

क्या पांच में दो चुनावों को लेकर भी आपकी भविष्यवाणियां  सच साबित र्हुइं थीं ?

अपना पिछला रिकाॅर्ड देख लीजिए या ठीक से याद कर लीजिए।

यदि पांच में से दो भविष्यवाणियां सच साबित हुईं थीं तो भी कोई बात नहीं।

कोई हर्ज नहीं।

इस बार के चुनाव यानी 2024 के लोक सभा चुनाव की भविष्यवाणी करने का आपको पूरा नैतिक अधिकार है।

यदि पांच में से आपकी एक भी भविष्यवाणी सच साबित नहीं हुई थी तो अपनी इस भूमिका के बारे में फिर से सोचिए।

यदि चुनावी भविष्यवाणी के इस काम को करते रहना चाहते हैं और अपनी साख को बनाये रखना है तो पहले राजदीप सरदेसाई से कुछ सीख लीजिए।

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मैंने कुछ साल पहले लगातार राजदीप की तीन चुनावी भविष्यवाणियां हिन्दुस्तान टाइम्स में पढ़ी थीं।

तीनों चुनाव में कांटे की टक्कर वाले थे।

फिर भी तीनों के बारे में राजदीप की भविष्यवाणी सच साबित हुई थीं।भाजपा जीत गयी।

ं जबकि,आम धारणा है कि राजदीप सरदेसाई मोदी-भाजपा विरोधी हैं।

उनके बारे में मेरा अनुमान भी यही है।

यदि वैसा हैं भी तो रहा करें।

  इस लोकतंत्र में सबको ऐसा करने का अधिकार है।

पर,अपने पेशे के प्रति राजदीप ईमानदार रहे ,कम से कम उन तीन चुनावी भविष्यवाणियों को लेकर।

तीनों में उनका अनुमान भाजपा की ही जीत का था।

  मैं सिर्फ उन तीन चुनावों को ध्यान में रखकर राजदीप के बारे में यह सकारात्मक बात कह रहा हूं।बाकी बातों को लेकर नहीं।उन सबसें से मेरा कोई मतलब नहीं।

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ंइधर कुछ महीनों से मैं हिन्दुस्तान टाइम्स नहीं पढ़ रहा हूं।अपने यहां मंगाये जाने वाले अखबारों की संख्या अब मैंने काफी कम कर दी है।क्योंकि दूसरे काम में लग गया हूं।

इसलिए नहीं कह सकता कि राजदीप ने हाल में क्या लिखा है।

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23 मई 24


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