जिनके यहां 25 करोड़ रुपए से अधिक नाजायज धन बरामद हो, उन आरोपियों की नार्को -ब्रेन मैपिंग-डीएनए टेस्ट का कानूनी प्रावधान हो
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सुरेंद्र किशोर
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आज के ‘‘प्रभात खबर’’ के अनुसार.
झारखंड के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के घर से 35 करोड़ 23 लाख रुपए बरामद किए गए हैं।
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ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि इन रुपयों से मेरा कोई संबंध नहीं है।
याद रहे कि झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन भी भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में इन दिनों जेल में हैं।
झारखंड से आए दिन भ्रष्टाचार व भारी धन की बरामदगी की खबरंे आती रहती हैं।
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सन 2000 में बिहार से काट कर झारखंड अलग प्रदेश बना।
उससे पहले दशकों तक अलग प्रदेश की मांग के समर्थन में आंदोलन होता रहा।आंदोलन कारी झामुमो के नेताओं का आरोप था कि अविभिजित बिहार
ंके नेता गण हमारे संसाधनों को लूट कर हमें गरीब बनाये हुए हैं।संपन्नता के लिए हमें अलग राज्य चाहिए।
अब जब झारखंड बन गया तो क्या हो रहा है ?कौन संपन्न हो रहा है।झामुमो की ही वहां सरकार है।
आंदोलनकारी पार्टी की सरकार की मौजूदगी के बावजूद झारखंड को आज कौन लूट रहा है ?
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मंत्री आलमगीर,उनके पी.एस.और पी.एस.के नौकर का नार्को ,ब्रेन मैपिंग तथा अन्य टेस्ट जरूरी है ताकि सच्चाई का पता चल सके।ऐसे टेस्ट से
सच्चाई सामने आ ही जाएगी।
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पर,ऐसे टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।सिर्फ अदालती आदेश से ही ऐसे टेस्ट संभव हंै।अदालत आम तौर पर जल्दी ऐसे टेस्ट की अनुमति नहीं देतीं।
भ्रष्ट अफसरों,नेताओं और व्यापारियों के लिए यह अनुकूल स्थिति है।
वे झारखंड ही नहीं बल्कि बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों को चंबल के डकैतों की तरह लूट रहे हैं।इस कारण देश की गरीबी कम करने में देरी हो रही है।
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जांच एजेंसियों को आवश्यकतानुसार नार्को,ब्रेन मैपिंग और डी एन ए टेस्ट की अनुमित होनी चाहिए।,
इस संबंध में कड़ा कानून बने।
उस कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाना चाहिए ताकि उस कानून को अदालत में चुनौती न दी जा सके।
अन्यथा इन लुटेरों से यह देश नहीं बचेगा।
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7 मई 24
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