चीन उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहा है।
आखिर कितने मुस्लिम देशों ने इस मसले पर चीन का विरोध किया? चीन ने मुस्लिम देशों में भारी -भरकम निवेश किया हुआ है। वे जानते हैं कि पैसे धर्म से कहीं अधिक मूल्यवान है।
--तसलीमा नसरीन,दैनिक जागरण,
22 अगस्त 2020
....................................................
दरअसल बात इतनी ही नहीं है। इस देश यानी भारत के जेहादी मुसलमान इस अत्याचार को लेकर चीन के खिलाफ क्यों नहीं बोल रहे हैं ? उन्हें तो किसी चीनी निवेश से कोई मतलब नहीं है।
किसी ने मुझे बताया कि दरअसल इस देश के जेहादी गण चीन को नाराज नहीं करना चाहते हैं।
नाराज करेंगे तो हिन्दुस्तान में इस्लामी शासन कायम करने में चीन उनकी मदद कैसे करेगा ?
‘गजवा ए हिन्द’ का सपना देखने वाले एक मुल्ला ने हाल में टी.वी. पर कहा भी कि जब हम ताकतवर होंगे तो राम मंदिर को तोड़कर फिर वहां बाबरी मस्जिद बना देंगे।
हौसला तो देखिए !!!
ऐसे ही उन्मादी जेहादियों के कारण नरेंद्र मोदी के सत्ता से हटने का दूर -दूर तक कोई संकेत नहीं मिल रहा है।
सुरेंद्र किशोर-22 अगस्त 2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें