चाहे जितना और जैसा भी संगठनात्मक परिवत्र्तन कर लो,
जब तक महा घोटालांे,भीषण भ्रटाचार, और अतिवादी मुसलमानों के प्रति सहनशीलता जारी रखोगे , तब तक
तुम्हारी पार्टी का पुनर्जीवन संभव ही नहीं।
वंशवाद-परिवारवाद के तहत आगे आए बकलोल उत्तराधिकारी
कभी किसी पार्टी का पुनरूद्धार नहीं कर सकते।
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याद रहे कि मैंने किसी दल का नाम नहीं लिखा है।
क्योंकि, यह बात एकाधिक दल पर लागू होती है।
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--सुरेंद्र किशोर
24 अगस्त 20
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