पटना नगर निगम हर साल पटना की सफाई पर 100 करोड़ रुपए खर्च करता है। फिर भी पटना नरक बना रहता है। इसका मुख्य कारण भीषण भ्रष्टाचार और काहिली है। गंदगी के कारण कितने लोग हर साल बीमार होते हैं और मरते हैं, इसका सर्वेक्षण होना चाहिए। नगर की गंदगी से यदि कोई मरे तो हत्या का मुकदमा किस पर चलना चाहिए ? !
बिहार के अधिकतर नगरों की हालत भी दयनीय ही बनी हुई है। इस संबंध में आज के ‘प्रभात खबर’, पटना में प्रकाशित रपट सराहनीय है।
एक विनम्र सलाह
क्यों नहीं पटना नगर निगम का दायित्व सार्वजनिक उपक्रम में से किसी ‘नवरत्न कंपनी’ के जिम्मे सौंप दिया जाए? इसके लिए यदि संविधान में संशोधन करने की जरूरत हो तो वह भी करें। भीषण गंदगी के कारण लोगों को बीमार करके मारने से बेहतर है कि कुछ समय के लिए नगर निगम अवक्रमित ही रहे।
साथ ही, अतिक्रमण हटाने और टैक्स वसूलने के काम में सहयोग के लिए नवरत्न कंपनी केंद्रीय अर्धसैनिक बल की सेवाएं ले।
---सुरेंद्र किशोर--22 अगस्त 2020
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