मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के लिए मणि या....??!!
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--सुरेंद्र किशोर--
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‘‘प्रधान मंत्री राजीव गांधी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने बाबरी मस्जिद स्थित राम जन्मभूमि का ताला 1985 में खोलवा दिया था।
इसलिए राम मंदिर निर्माण का श्रेय किसी और को नहीं लेना चाहिए।’’
-- कमलनाथ, पूर्व मुख्य मंत्री, मध्य प्रदेश,
--टाइम्स नाऊ डिजिटल,
6 अगस्त, 20
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‘‘ताला खोलवाने में राजीव गांधी का कोई हाथ नहीं था।
राजीव गांधी को तो ताला खोले जाने की जानकारी भी नहीं थी।
दरअसल ताला खोल देने के एक स्थानीय अदालत के निर्णय
के आधे घंटे के भीतर ही छल कपट के तहत हाथ की सफाई दिखाते हुए कुछ लोगों ने ताला खोल दिया।’’
----- मणि शंकर अययर,
मशहूर कांग्रेस नेता,
द हिन्दू-6 अगस्त 20
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अब आप कमलनाथ की बात पर भरोसा करेंगे या अय्यर साहब की बात पर ?
आपकी जो इच्छा !
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पर, एक बात पक्की है।
नेहरू से भी अधिक नेहरूवादी मणिशंकर अय्यर पिछले कुछ दशकों से जाने-अनजाने वही काम कर दे रहे हैं जिससे कांग्रेस की अवनति की राह सुगम हो।
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1990 में जब मंडल आरक्षण आया तो कांग्रेस हाईकमान को उस पर कोई स्टैंड लेना था।
राजीव गांधी के कहने पर मणिशंकर अय्यर ने आरक्षण पर एक प्रस्ताव तैयार किया।
उसमंे कहा गया था कि आरक्षण को पूरी तरह ठुकरा दिया जाना चाहिए।
संभवतः मणि ने जवाहरलाल नेहरू के 27 जून 1961 के उस पत्र को पढ़ लिया होगा जिसमें उन्होंने मुख्य मंत्रियों को लिखा था कि जाति के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए।
अब नेहरू से भी अधिक नेहरूवादी उनकी चिट्ठी से अलग कैसे हो सकते थे ?
मणि द्वारा तैयार प्रस्ताव पर कांग्रेस कार्यसमिति व राजनीतिक मामलों की समिति की साझी बैठक में विचार होना था।
प्रस्ताव पेश होते ही समिति में शामिल पिछड़ी जाति के नेताओं ने मणि द्वारा तैयार प्रस्ताव का कड़ा विरोध कर दिया।
--इंडिया टूडे-30 सितंबर 1990
इस पर राजीव दुविधा में पड़ गए।
पर उन पर मणि का असर कायम रहा ।
मंडल आरक्षण पर राजीव गांधी ने संसद में तीन घंटे तक भाषण किया।
उस भाषण से इस देश के अधिकतर पिछड़ों को ऐसा लगा कि कांग्रेस आरक्षण का दिल खोल कर समर्थन नहीं कर रही है।
1989 के बाद एक बार फिर 1991 के लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला।
उसके बाद किसी चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला।
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यानी कांग्रेस की अवनति में मणि शंकर के थोड़ा-बहुत योगदान को भी आप मानेंगे या नहीं ?
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कांग्रेस को थोड़ा और डूबोने का एक और मौका आया 2014 के लोक सभा चुनाव की पूर्व संध्या।
ए.आई.सी.सी.सम्मेलन स्थल पर किसी पत्रकार ने मणि जी ने मोदी की बात छेड़ दी।
मणि शंकर अययर ने कहा कि नरेंद्र मोदी 21 वीं सदी में किसी भी कीमत पर प्रधान मंत्री नहीं बन सकते।
हां,वे चाय का वितरण करना चाहें तो ए.आईसी.सी.परिसर में मैं उसका इंतजाम करा दूंगा।
अब बताइए,इसका मतदाताओं खास कर निम्न तबके के पर कैसा असर पड़ा होगा ?
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गुजरात विधान सभा चुनाव से ठीक पहले मणि जी ने नरेंद्र मोदी को ‘‘नीच आदमी’’ कह दिया।
इन दो शब्दों को भंजा कर भाजपा ने गुजरात में अपनी बिगड़ी चुनावी स्थिति सुधार ली।
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क्या आप पाकिस्तान में जाकर वहां के मुसलमानों से कह सकते हैं कि आप लोग मोदी को हराइए ?
शायद नहीं।
पर मणि जी ने यह काम भी कर दिया।
उसका कांग्रेस को कितना नुकसान उठाना पड़ा होगा,उसका अनुमान लगाइए।
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और, आखिर में मणि जी आज कमलनाथ के किए -दिए पर भी पानी फेर दिया।
शुक्र है कि मणि का लेख द हिन्दू में छपा जो अंग्रेजी अखबार है।
कल्पना कीजिए यदि किसी बड़े हिन्दी अखबार में छपा होता तो कांग्रेस खास कर कमलनाथ को कितना धक्का लगता ?
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अभी मणि शंकर की आयु लंबी है।
देखते जाइए,आने वाले दिनों में वे और हमारे दिग्विजय सिंह कांगे्रस की और किस -किस तरह से ‘सेवा’ करते हैं !!!
प्रथम परिवार द्वारा जारी ‘सेवा’ में जो कमी रहती है,उसे ये दो नेता पूरा कर देते हैं।
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6 अगस्त 20
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