सोमवार, 3 अगस्त 2020

    कमल नाथ और गहलोत सरकारों के बाद अब
महाराष्ट्र सरकार ने भी बंद कर दी जेपी सेनानी पेंशन 
अब केंद्र सरकार करे सेनानियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था 
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--सुरेंद्र किशोर--
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कांग्रेस के दबाव में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार
ने जेपी सेनानी पेंशन योजना बंद कर दी।
वहां 3 हजार लोगों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मिल रहे थे।
  पिछली राजग सरकार ने इसे चालू किया था जिस सरकार में शिवसेना भी शामिल थी।
इससे पहले मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार और राजस्थान की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने ऐसी पेंशन योजनाओं  को बंद कर दिया ।
जेपी आंदोलन के दौरान आपातकाल में जेल गए राजनीतिक नेताओं व कार्यकत्र्ताओं के लिए पेंशन की व्यवस्था विभिन्न राज्य सरकारों ने की ।
बिहार में भी यह अब लागू है।
कुछ राज्य सरकारों द्वारा बारी -बारी से इसे बंद कर दिए जाने के बाद अब इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है कि खुद केंद्र सरकार ऐसी पेंशन योजना शुरू करे।
याद रहे कि कई मामलों में इंदिरा गांधी सरकार ने जेपी आंदोलनकारियों को आपातकाल में इतना अधिक प्रताड़ित
किया था जितना अंग्रेजों ने भी स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं किया था।आपातकाल में कई परिवार बर्बाद हो गए ।
इंदिरा सरकार ने गिरफ्तारी के खिलाफ अदालती सुनवाई का
प्रावधान समाप्त करके एक लाख से अधिक राजनीतिक नेताओं, कार्यकत्र्ताओं व पत्रकारों  को अनिश्चितकाल के लिए जेलों में ठूंस दिया था।
जो लोग फरार थे,उनमें से भी अनेक लोगों को अपार कष्ट झेलने पड़े थे।
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---सुरेंद्र किशोर-1 अगस्त 20

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