काश ! नरेंद्र मोदी नहीं,तो नेहरू के बारे में
राजीव गांधी के ‘सर्टिफिकेट’ को ही समझने
की ही जरूरत समझ पाते राहुल गांधी
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सुरेंद्र किशोर
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि ‘‘मेरे परनाना जवाहरलाल नेहरू को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।’’
- दैनिक भास्कर, 9 फरवरी, 22
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राहुल गांधी जी,
किसी और के सर्टिफिकेट की भले जरूरत आपको न हो,किंतु आपके पिता जी यानी राजीव गाधी ने 1985 में परोक्ष रूप से अपने पूर्ववर्तियों को जो ‘सर्टिफिकेट’ दिया
था, काश ! उसी के निहितार्थ को समझने की जरूरत आप समझ पाते।
यदि जरूरत समझकर सन 2004 -2014 के अपने दल के शासन काल में सरकारी-गैर सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी अभियान चलवाते तो जो ‘पतली’ हालत आज कांग्रेस की हुई है,वह नहीं होती।
याद करिए।
तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि सरकार दिल्ली से जो 100 पैसे भेजती है,उसमें से 15 पैसे ही जनता तक पहुंच पातेे हंै।
बाकी, बिचैलिए खा जाते हैं।
उन्होंने सत्ता के दलालों के खिलाफ अभियान चलाने की जरूरत भी बताई थी।
यह और बात है कि बोफोर्स दलाल क्वात्रोचि को बचाने के क्रम में राजीव गांधी अपनी ही गद्दी गंवा बैठे।
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जब जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में सरकारी भ्रष्टाचार दिन दूनी रात चैगुनी बढ़ने लगा तो केंद्रीय मंत्री सी.डी.देशमुख ने निगरानी तंत्र बनाने का नेहरू से अनुरोध किया।
नेहरू ने कहा कि उससे प्रशासन में पस्तहिम्मती आएगी।
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जब प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से कहा गया कि सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तो विश्व व्यापी है।
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अब आप ही बताइए कि 1947 और 1985 के बीच 100 पैसे में से 85 प्रतिशत लुटवा देने में बीच के किस प्रधान मंत्री का कितना प्रतिशत योगदान था ?
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वैसे सन 1963 में ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष डी.संजीवैया को इन्दौर के अपने भाषण में यह कहना पड़ा कि ‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे।
गुस्से में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘झोपड़ियों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’
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महाराष्ट्र की सत्ता में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी एन.सी.पी.के नेता शरद पवार ने, जो रक्षा मंत्री भी रहे चुके हैं,कहा है कि ‘‘चीन ने सन 1962 में हमारी 45 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया।’’
याद कीजिए, उससे पहले नेहरू से कहा जा रहा था कि चीन आगे बढ़ रहा है।
इस पर प्रधान मंत्री नेहरू ने लोक सभा में कहा था कि वह ऐसी जमीन है जहां ंघास का तिनका भी नहीं उपजता।
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इसके अलावा भी बहुत सारी बातें हैं।
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रजनीकांत पुराणिक की चर्चित किताब (प्रकाशक -पुस्तक महल,नई दिल्ली) में जवाहरलाल नेहरू की 97 बड़ी गलतियांे का विवरण है।
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.राहुल गांधी को चाहिए कि वे किसी नेहरू के अंधभक्त लेखक से ही सही,उस पुस्तक का जवाब लिखवा दें।
मुझे वह जवाबी किताब पढ़कर खुशी होगी।
यदि उस जवाबी किताब के तर्कों में दम होगा
तो मैं इस पोस्ट के लिए माफी मांगते हुए रजनीकांत पुराणिक के खिलाफ एक लंबा लेख लिख दूंगा।
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.9 फरवरी 22
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