राहुल बनाम वरुण
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यदि जवाहरलाल नेहरू आज जीवित होते तो राहुल गांधी
और वरुण गांधी के बीच नेतृत्व के लिए किसे चुनते ?
यानी, इनमें से किसे कांग्रेस का नेतृत्व सौंपते ?
1929 में न मोतीलाल नेहरू के समक्ष कोई दुविधा थी और न ही 1959 में जवाहरलाल नेहरू के समक्ष।
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4 मई, 1981 को इंदिरा गांधी ने अपनी वसीयत में लिखा कि
‘‘मैं यह देखकर खुश हूं कि राजीव और सोनिया ,वरुण को उतना ही प्यार करते हैं जितना अपने बच्चों को।
मुझे पक्का भरोसा है कि जहां तक संभव होगा,वो हर तरह से वरुण के हितों की रक्षा करेंगे।’’
पर,अब यह देखा जा रहा है कि सोनिया ने न तो इंदिरा की भावना का ध्यान रखा और न ही कांग्रेस के भविष्य की चिंता की।
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सुरेंद्र किशोर
2 फरवरी 22
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