शनिवार, 26 जनवरी 2019

  हर बड़े चुनाव से पहले और बाद में दल बदल होते रहते हैं।
इक्के -दुक्के दल बदल से किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए।
 पर, यहां आदतन दलबदलुओं की बात की जा रही है।
  बिहार में कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने अब तक अनेक बार दल बदल किया है।
एक नेता तो ऐसे हैं जिन्हें खुद भी याद नहीं होगा कि वे अब तक किन -किन दलों में रहे हैं !
  खैर दल बदल विरोधी कानून भी दल बदल को नहीं रोक सका है।
 अब कुछ अपेक्षाकृत बेहतर दलों व नेताओं को इस दिशा में ऐसी पहल करनी चाहिए ताकि आदतन दल बदलुओं की आदत ही छूटे। 
  2019 के लोक सभा चुनाव के बाद भी कुछ आदतन दलबदलू नेता एक बार फिर सुरक्षित ‘घर’ खोजेंगे।
घर वालों को चाहिए कि वे सिर्फ इस बात का ध्यान रखें कि
शरण मांगने वाले ने तीन बार से अधिक बार दल बदल तो नहीं किया है ! 
यदि तीन से कम बार किया हो तो भले उसे आप शरण दे दें ,पर उससे अधिक पर दुत्कार दें।
अन्यथा आने वाले दिनों में आपको भी फिर छल कर
कहीं और चला जाएगा।  

कोई टिप्पणी नहीं: