अमिताभ अग्निहोत्री मेेरे पसंदीदा समाचार विश्लेषकों में रहे
हैं।
हाल में उन्होंने एक और बड़ा काम किया है।
मैंने उन्हें न्यूज एंकरिंग करते हाल में देखा।देखकर तबियत खुश हो गयी।
एंकर की अवहेलना करके लागतार बोलते जाने वाले मुंहजोड़ अतिथियों की माइक डाउन करके अमिताभ जी ने श्रोताओं का बड़ा कल्याण किया है।
दरअसल इस देश में कुछ ऐसे मुंहजोड़ व उदंड टी.वी.अतिथि हैं जो एंकर की नहीं सुनते,बस खुद बोलते ही जाते हैं।
नतीजतन एक साथ तीन या चार अतिथि कुत्तों की तरह भौंकते रहते हैं और दर्शक -श्रोताओं के पल्ले कुछ नहीं पड़ता।
लगता है कि कुछ खास एंकर तो ऐसा ‘कुत्ता भुकाओ कार्यक्रम’ जानबूझ कर करवाते रहते हैं।पता नहीं,उससे उन्हें कौन सा सुख मिलता है ! हां,उस पर श्रोताओं को सिर्फ गुस्सा आता है।
पर इस टेलीविजनी हंगामों के बीच अमिताभ जी को मेरा सलाम !
हैं।
हाल में उन्होंने एक और बड़ा काम किया है।
मैंने उन्हें न्यूज एंकरिंग करते हाल में देखा।देखकर तबियत खुश हो गयी।
एंकर की अवहेलना करके लागतार बोलते जाने वाले मुंहजोड़ अतिथियों की माइक डाउन करके अमिताभ जी ने श्रोताओं का बड़ा कल्याण किया है।
दरअसल इस देश में कुछ ऐसे मुंहजोड़ व उदंड टी.वी.अतिथि हैं जो एंकर की नहीं सुनते,बस खुद बोलते ही जाते हैं।
नतीजतन एक साथ तीन या चार अतिथि कुत्तों की तरह भौंकते रहते हैं और दर्शक -श्रोताओं के पल्ले कुछ नहीं पड़ता।
लगता है कि कुछ खास एंकर तो ऐसा ‘कुत्ता भुकाओ कार्यक्रम’ जानबूझ कर करवाते रहते हैं।पता नहीं,उससे उन्हें कौन सा सुख मिलता है ! हां,उस पर श्रोताओं को सिर्फ गुस्सा आता है।
पर इस टेलीविजनी हंगामों के बीच अमिताभ जी को मेरा सलाम !
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