बुधवार, 30 जनवरी 2019



ज्योतिषी नवीन खन्ना ने 2004 में भविष्यवाणी की थी कि 47 साल की उम्र में प्रियंका गांधी प्रधान मंत्री बनेंगी।
जब प्रियंका को ठीक 47 साल की उम्र में कांग्रेस का महा सचिव बनाया गया तो उस खन्ना की भविष्यवाणी याद आई।
याद रहे कि खन्ना ने नरेंद्र मोदी के उत्थान की भविष्यवाणी 2009 में ही कर दी थी।
  क्या यह मात्र संयोग है कि कुछ ही महीने बाद लोक सभा का चुनाव होने वाला है ? या कुछ और बात है ?
याद रहे कि तमिलनाडु के ज्योतिषी यागवा ने तो 1993 में ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि प्रियंका गांधी प्रधान मंत्री बनेगी।वह खबर 18 नवंबर 1993 के अखबार में छपी थी।
वैसे पिछले अनुभव बताते हैं कि आम तौर पर ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां सही साबित नहीं होतीं।
पर कुछ की भविष्यवाणियां सही भी साबित हो जाती हैं।क्या नवीन खन्ना उन्हीें थोड़े से ज्योतिषियों में एक हैं ?
15 मार्च 2004 के इंडिया टूडे में  प्रकाशित नवीन खन्ना की भविष्यवाण्यिों में यह भी कहा गया था कि सोनिया गांधी कभी प्रधान मंत्री नहीं बनेंगी,बल्कि पी.वी.नरसिंह राव मंत्रिमंडल में रहा व्यक्ति प्रधान मंत्री होगा।
यह बात तब सही साबित हो गयी  जब मन मोहन सिंह 2004 में प्रधान मंत्री बने।
हालांकि पत्रिका के उसी अंक में छपी नवीन खन्ना की कुछ अन्य भविष्यवाणियां सही साबित नहीं हुईं।
मई, 2009 में ही नवीन खन्ना ने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि 2012 में गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी का उत्थान होगा।@टाइम्स आॅफ इंडिया-11 मई 2009@
यह सच साबित हुआ।
 बोफर्स तोप सौदा घोटाला विवाद की पृष्ठभूमि में सन 1989 में लोक सभा चुनाव हुआ था।तब राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे।
चुनाव से ठीक पहले देश के दस प्रमुख ज्योतिषियों की भविष्यवाण्यिां ‘इलेस्टेटेेड वीकली आॅफ इंडिया’ ने छापी थी।
दस में से सिर्फ एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि वी.पी.सिंह प्रधान मंत्री बनेंगे।
अन्य नौ ज्योतिषी राजीव गांधी के दुबारा सत्ता में आने की भविष्यवाणी कर रहे थे।
याद रहे कि चुनाव के बाद वी.पी.सिंह प्रधान मंत्री बने थे।
 तब इन ज्योतिषियों के विपरीत अधिकतर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांग्रेस की हार का अनुमान लगाया गया था।
  यानी, ओपिनियन पोल के काम में लगे लोगों का पूर्वानुमान 
ज्योषियों की अपेक्षा अधिक सटीक होता रहा है।
फिर भी अधिकतर छोटे -बड़े नेतागण चुनाव से ठीक पहले ज्योतिषियों के यहां चक्कर लगाने लगते हैं।
  आम लोगों में भी ज्योतिषियों के प्रति आकर्षण देखा जाता है।ऐसे में जब किसी ज्योतिषी की कोई एक भविष्यवाणी भी सही हो जाती है तो उसकी ओर लोगों की उत्सुकता भी काफी बढ जा़ती है।
 याद रहे कि नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह के बारे में नवीन खन्ना की भविष्यवाणी सही साबित हो चुकी है।
 अब जरा कुछ दूसरे ज्योतिषियों द्वारा  2004 में की गई भविष्यवाणियों पर भी गौर कर लें।
दिल्ली के मशहूर ज्योतिषी  एल.डी.मदान ने 2004 के चुनाव से पहले यह भविष्यवाणी की थी कि अटल बिहारी वाजपेयी फिर प्रधान मंत्री बनेंगे।पर वे नहीं बने।
 यानी मदान जी गलत साबित हुए।
मुम्बई की ज्योतिषी वसुधा वाघ ने कहा कि 2004 के लोक सभा चुनाव के बाद कांग्रेस के समर्थन से तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी।
पर कांग्रेस के मन मोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी।यानी वाघ की भविष्यवाणी आंशिक रूप से ही सही साबित हुई।
कोलकाता की ज्योतिषी कुसुम भंडारी की सिर्फ यह भविष्यवाणी सही साबित हुई कि चंद्र बाबू नायडु के दुबारा सत्ता में आने की संभावना नहीं है।उनकी बाकी अधिकतर भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं।
बंगलूर की ज्योतिषी गायत्री देवी वासुदेव की यह भविष्यवाणी सही साबित हुई कि ‘चूंकि भाजपा अष्टम शनि में है, इसलिए पार्टी एक महत्वपूर्ण शक्ति गंवा देगी।’
याद रहे कि अटल सरकार 2004 में सत्ता गंगवा बैठी।
पेनामल संजीवन नेहरू नामक ज्योतिषी ने तो 2004 में यह हास्यास्पद भविष्यवाणी कर दी थी कि ‘भाजपा अध्यक्ष एम.वेंकैया नायडु प्रधान मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी की जगह लेंगे।’
उन्हीं दिनों तंत्र विद्या की अध्येता मां प्रेम उषा ने भविष्यवाणी की थी कि अटल बिहारी वाजपेयी दोबारा प्रधान मंत्री बनेंगे और उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।’
पर ऐसा नहीं हो सका।
यानी मां प्रेम उषा की तंत्र विद्या ने उनका साथ नहीं दिया।
अहमदाबाद के ज्योतिषी सनत कुमार दयाशंकर शास्त्री ने कहा था कि ‘अगले साल जुलाई या अगस्त में अटल बिहारी वाजपेयी लालकृष्ण आडवाणी के लिए रास्ता बनाएंगे और आडवाणी को जबरदस्त राजनीतिक शक्ति मिलेगी।’
यह भी न हो सका।
अब जरा 2013 की कुछ भविष्यवाणियों पर नजर डालें।
नवंबर, 2013 में पंडित देवेंद्र भट्ट ने कहा कि ‘आगामी चुनाव के बाद देश को अस्थिर सरकार मिलेगी।’
पर ऐसा नहीं हुआ।यानी भट्ट साहब फेल हुए।
पर, बेजान दारूवाला ने कहा कि मेरे ज्योतिषी पुत्र नस्तूर दारूवाला का दृढ विश्वास है कि ‘भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे।’यानी दारूवाला पास हुए।
अब सवाल है कि ज्योतिष विद्या और तंत्रशास्त्र पर कितना विश्वास किया जाए ?
क्या यह किसी अंधे द्वारा तीर चलाए जाने जैसी बात है।पता नहीं।पर मेरा अपना अनुभव यह है कि नाड़ी ज्योतिषी अपेक्षाकृत  कुछ अधिक सटीक  भविष्यवाणियां करते हैं।
 @फस्र्टपोस्ट हिन्दी में प्रकाशित@


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