शुक्रवार, 10 मई 2019

पार्ट-4 और अंतिम
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निर्जन टापू पर निश्ंिचत पड़ाव
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स्पोर्टस के अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन ने सभी बिल मंगवाए हैं ताकि राजीव इनका भुगतान कर सकें।
लक्ष्यद्वीप के कलेक्टर के.के.शर्मा का कहना था,‘हमने वीआईपी लोगों की छुट्टियों के लिए किसी तरह की विशेष व्यवस्था नहीं की है।और हबीबुल्ला की सफाई थी,‘मेरा काम तो प्रधान मंत्री को बस बंगारम पहुंचाना भर था।’
लेकिन इन सब दावों के बावजूद  वहां की गई 
फिजूल खर्ची साफ दिखाई दे रही थी।देश के सबसे प्रमुख युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल राजीव गांधी के परिवार की सवारी के तौर पर किया गया।
  इस दौरान 10 दिनों तक @विराट@अरब सागर में ही घूमता रहा।इस युद्धपोत पर होने वाला दैनिक खर्च बेहिसाब है।क्योंकि यह जहां भी जाता है, इसके साथ सुरक्षा पोतों का पूरा काफिला चलता है।
  बताया जाता है कि इस काम के लिए वहां एक पनडुब्बी भी तैनात की गई थी।इसके अलावा अगाट्टी में विशेष उपग्रह संचार संपर्क की व्यवस्था भी की गई।
  बहरहाल ,लक्ष्यद्वीप को जमकर प्रचार मिला है।स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि इस कारण अब यहां पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी।
यह असर दिखने भी लगा है।
उदाहरण के लिए कोचीन में लक्ष्यद्वीप के पर्यटन कार्यालय का कहना था कि 8 जनवरी के दिन सामान्य से पांच गुना लोगों ने जानकारी मांगी।
   6 जनवरी के दिन जब यह पिकनिक खत्म हुई  तब 
वहां से सबसे पहले प्रियंका और उसके साथी गोवा के लिए निकले।
उनके बाद बुजुर्ग विदेशी लोग रवाना हुए।और फिर अमिताभ और उनका परिवार।
उसी दिन दोपहर 1.20 बजे राजीव ने राहुल के साथ हेलिकाॅप्टर में प्रस्थान किया।
आखिर में सोनिया अपने रिश्तेदारों के साथ मुस्कराते हुए रवाना हुई।
लेकिन यह मुस्कराहट कोचीन पहुंचते ही गायब हो गई।
लेकिन इसके ठीक विपरीत नौसैनिक हेलिकाॅप्टर से उतरते समय राजीव प्रसन्न चित्त दिखाई दे रहे थे।
  6 जनवरी के दिन अमीनी द्वीप में अपनी जन सभा में उन्होंने कहा कि ‘बहुत शानदार छुट्टियां थीं।’
बाद में उन्होंने  विकास कार्यक्रमों का मुआयना किया।इस दौरान उनके साथ छुट्टियांें का जो एक स्मृति चिन्ह था, वह एक वाटर प्रूफ घड़ी थी जिसे वे नौका चलाने और गोताखोरी के दौरान पहनते आ रहे थे।
@समाप्त @   
@इंडिया टूडे के 31 जनवरी, 1988 के अंक में प्रकाशित अनीता प्रताप की रपट @ 

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