बुधवार, 8 मई 2019

उधार की बौद्धिकता से भारतीय कम्युनिस्टों का बुरा हाल 
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माकपा महा सचिव  सीताराम येचुरी ने कहा है कि रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों से यह साबित होता है कि हिन्दू भी हिसंक हो सकते हैं।
 येचुरी हिंसक होने और अपने बचाव में युद्ध करने में अंतर नहीं कर पाए।
 तलवार के बल पर दुनिया भर में धर्म परिवत्र्तन कराने वालों की ओर से येचुरी ने सुविधापूर्वक अपनी नजरें फेर रखी हैं।
 येचुरी को इतना भी नहीं मालूम कि रावण ने सीता का अपहरण किया था।
युद्ध उस कारण हुआ।
वह युद्ध इतना न्यायपूर्ण था कि एक ब्राह्मण रावण की हत्या के बावजूद श्रीराम को आम व खास ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिला था।
  उधर युद्धिष्ठिर व उनके भाइयों को दुर्याेधन पांच गांव भी देने को तैयार नहीं था जबकि राजपाट में वे आधे के हकदार थे।
साथ ही द्रोपदी का चीर हरण हुआ था।
उस समय के भगवान कृष्ण पाण्डु पुत्रों के साथ थे।
 नन्दीग्राम में गरीबों की जमीन हड़पने के कारण गद्दी से उतरे कम्युनिस्टगण समकालीन इतिहास से भी तो कुछ नहीं सीखते।
भारत जैसे गरीब देश में कम्युनिस्टों के लिए बहुत संभावनाएं थीं।
 पर इस देश व समाज को समझने में विफल कम्युनिस्ट अपने अंतिम दिन गिन रहे हंै।फिर भी वे तुष्टिकरण के चक्कर में गलत -सलत बोलते जा रहे हैं।
 पिछड़ों के लिए आरक्षण की जरूरत कम्युनिस्टांे को कभी समझ में नहीं आई।यह बात भी समझ में नहीं आई कि भाजपा विरोध के नाम पर राज्यों व केंद्र में भ्रष्ट सरकारों को समर्थन करते जाओगे तो भाजपा बढ़ेगी, घटेगी नहीं ।
 हद तो तब हो गई जब हाल में केरल सी.पी.एम. के सचिव ने यह बयान दे दिया कि अमरीका,आस्ट्रेलिया और भारत चीन को घेरने में लगे हुए हैंं।
भारत को कौन -कौन देश घेरने में लगे हैं,इसकी चिंता उन्हें नहीं है।बल्कि चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया तो इन्हीं कम्युनिस्टों ने कहा कि भारत ने ही चीन पर हमला किया था।
इसी कारण कम्युनिस्ट पार्टी टूटी भी। 
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय कम्युनिस्टों की भूमिका जगजाहिर है।
 खुद चीन अपने यहां के जेहादियों से किस तरह निपट रहा है, यह भी तो यहां के कम्युनिस्ट कभी सीख लेते !
 अपनी गलत,उटपटांग  व उधार की नीतियों के कारण इस देश के कम्युनिस्ट नेतृत्व ने इस देश की सर्वहारा जनता को कुछ अनजाने में, कुछ अज्ञानतावश और  व भरपूर बौद्धिक अहंकार के कारण धोखा ही तो दिया है ! उनमें से अनेक लोगों को भाजपा की शरण में जाने को भी बाध्य कर दिया।
     

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