मशहूर सी.पी.आई.नेता व पूर्व विधायक दिवंगत राज कुमार
पूर्वे ने अपनी पुस्तक ‘स्मृति शेष’ में लिखा है,
‘हमारे एक साथी जिला मंत्री, जहानाबाद ने कहा कि ‘जनशक्ति’ की 50 प्रति वे 8 दिनों में बेच सके और भाजपा के एक व्यक्ति ने सरकारी घोटालों पर लिखी गयी पुस्तक की 200 प्रतियां 20 मिनट में बेच दिया।’@पेज-184@
याद रहे कि यह तब की बात है जब बिहार में लालू प्रसाद की सरकार थी और सी.पी.आई.उस सरकार के समर्थन में थी।
पूर्वे की बात तब जितनी सही थी,उतनी ही आज भी प्रासंगिक है।
देश,प्रदेश और समाज के अधिकतर लोग भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करते।
पूर्वे ने अपनी पुस्तक ‘स्मृति शेष’ में लिखा है,
‘हमारे एक साथी जिला मंत्री, जहानाबाद ने कहा कि ‘जनशक्ति’ की 50 प्रति वे 8 दिनों में बेच सके और भाजपा के एक व्यक्ति ने सरकारी घोटालों पर लिखी गयी पुस्तक की 200 प्रतियां 20 मिनट में बेच दिया।’@पेज-184@
याद रहे कि यह तब की बात है जब बिहार में लालू प्रसाद की सरकार थी और सी.पी.आई.उस सरकार के समर्थन में थी।
पूर्वे की बात तब जितनी सही थी,उतनी ही आज भी प्रासंगिक है।
देश,प्रदेश और समाज के अधिकतर लोग भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करते।
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