पार्ट-1
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आईएनएस विराट के इस्तेमाल पर इंडिया टूडे
-31 जुलाई 1988-में अनीता प्रताप की रपट
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प्रधान मंत्री की छुट्टियां
.................................................
निर्जन टापू पर निश्चिंत पड़ाव
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आलोचनाओं के बावजूद राजीव परिवार
और दोस्तों की पिकनिक मस्त रही
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लगता है कि 1987 की तनाव भरी घटनाओं ने दुनिया के बड़े -बड़े राजनेताओं के भी छक्के छुड़ा दिए।
शायद यही कारण था कि साल खत्म होने पर मिखाइल गोर्बाचेव ने काला सागर तट की सैरगाह का रुख किया,रोनाल्ड रेगन ने सांता बारबरा में अपने लंाच की शरण ली और भारत में राजीव गांधी ने बंगारम की ओर कूच कर दिया।
छुट्टियां मनाने के इस फैसले के पीछे उनका इरादा चमचों की भीड़, फाइलों , समस्याओं और असंतुष्टों से पीछा छुड़ाने के लिए ऐसे दूर और एकांत स्थान पर जाकर बैठना था जहां किसी तरह की चीख-पुकार न पहुंच सके। 36 टापुओं और 44 हजार आबादी वाले लक्षद्वीप में बंगारम टापू मात्र आधे वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाला ऐसा ही निर्जन स्थल है।
सामरिक दृष्टि से नाजुक माने जाने वाले लक्ष्यद्वीप का यह इकलौता ऐसा टापू है जहां विदेशियों को जाने की छूट है और जहां नशाबंदी नहीं है।
बाकी दुनिया से पूरी तरह कटा होने के कारण यह टापू पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है।
लक्ष्यद्वीप के पुलिस प्रधान पी.एन.अग्रवाल कहते हैं ,‘
‘यह प्राकृतिक कारणों से भी एक सुरक्षित स्थान है।’
हालांकि सरकार की ओर से इस टापू तक किसी बाहरी आदमी को न पहुंचने देने के सभी संभव उपाय किए गए थे, पर इसके बावजूद यहां होने वाले कार्यकलापों के बारे में समाचार माध्यमों की रूचि को कम नहीं किया जा सका।
यह टापू उत्सुकता का केंद्र 26 दिसंबर के दिन बना जब स्थानीय प्रशासन के नारंगी और सफेद रंग के हेलिकाॅप्टर से राजीव के बेटे राहुल और उनके चार दोस्त उतरे।
उनके बाद छुट्टी मनाने के लिए आने वालों का सिलसिला
बंध गया।
पत्रकारों को यहां से दूर रखने के लिए सरकारी मशीनरी ने पूरा जोर लगा दिया।
टापू पर आमंत्रित मेहमानों की सूची ही अपने आप में गरमागरम खबरों का स्त्रोत रही।
किस्मत वालों की इस सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त ,सोनिया गांधी की बहन ,जीजा और उनकी बेटी ,सोनिया की विधवा माता आर.मायनो तथा भाई और मामा भी थे।
इनके अलावा पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन,जया बच्चन और उनके बच्चे भी थे।
बच्चन परिवार से आने वाले मेहमानों में फेरा के तहत कथित हेरा फेरी के लिए विवादास्पद अजिताभ बचन की बेटी भी थी।
बाकी मेहमानों में केवल दो हिन्दुस्तानी और थे-पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण सिंह और भाई बिजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी।बाकी सभी विदेशी थे।
@जारी@
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आईएनएस विराट के इस्तेमाल पर इंडिया टूडे
-31 जुलाई 1988-में अनीता प्रताप की रपट
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प्रधान मंत्री की छुट्टियां
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निर्जन टापू पर निश्चिंत पड़ाव
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आलोचनाओं के बावजूद राजीव परिवार
और दोस्तों की पिकनिक मस्त रही
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लगता है कि 1987 की तनाव भरी घटनाओं ने दुनिया के बड़े -बड़े राजनेताओं के भी छक्के छुड़ा दिए।
शायद यही कारण था कि साल खत्म होने पर मिखाइल गोर्बाचेव ने काला सागर तट की सैरगाह का रुख किया,रोनाल्ड रेगन ने सांता बारबरा में अपने लंाच की शरण ली और भारत में राजीव गांधी ने बंगारम की ओर कूच कर दिया।
छुट्टियां मनाने के इस फैसले के पीछे उनका इरादा चमचों की भीड़, फाइलों , समस्याओं और असंतुष्टों से पीछा छुड़ाने के लिए ऐसे दूर और एकांत स्थान पर जाकर बैठना था जहां किसी तरह की चीख-पुकार न पहुंच सके। 36 टापुओं और 44 हजार आबादी वाले लक्षद्वीप में बंगारम टापू मात्र आधे वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाला ऐसा ही निर्जन स्थल है।
सामरिक दृष्टि से नाजुक माने जाने वाले लक्ष्यद्वीप का यह इकलौता ऐसा टापू है जहां विदेशियों को जाने की छूट है और जहां नशाबंदी नहीं है।
बाकी दुनिया से पूरी तरह कटा होने के कारण यह टापू पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है।
लक्ष्यद्वीप के पुलिस प्रधान पी.एन.अग्रवाल कहते हैं ,‘
‘यह प्राकृतिक कारणों से भी एक सुरक्षित स्थान है।’
हालांकि सरकार की ओर से इस टापू तक किसी बाहरी आदमी को न पहुंचने देने के सभी संभव उपाय किए गए थे, पर इसके बावजूद यहां होने वाले कार्यकलापों के बारे में समाचार माध्यमों की रूचि को कम नहीं किया जा सका।
यह टापू उत्सुकता का केंद्र 26 दिसंबर के दिन बना जब स्थानीय प्रशासन के नारंगी और सफेद रंग के हेलिकाॅप्टर से राजीव के बेटे राहुल और उनके चार दोस्त उतरे।
उनके बाद छुट्टी मनाने के लिए आने वालों का सिलसिला
बंध गया।
पत्रकारों को यहां से दूर रखने के लिए सरकारी मशीनरी ने पूरा जोर लगा दिया।
टापू पर आमंत्रित मेहमानों की सूची ही अपने आप में गरमागरम खबरों का स्त्रोत रही।
किस्मत वालों की इस सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त ,सोनिया गांधी की बहन ,जीजा और उनकी बेटी ,सोनिया की विधवा माता आर.मायनो तथा भाई और मामा भी थे।
इनके अलावा पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन,जया बच्चन और उनके बच्चे भी थे।
बच्चन परिवार से आने वाले मेहमानों में फेरा के तहत कथित हेरा फेरी के लिए विवादास्पद अजिताभ बचन की बेटी भी थी।
बाकी मेहमानों में केवल दो हिन्दुस्तानी और थे-पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण सिंह और भाई बिजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी।बाकी सभी विदेशी थे।
@जारी@
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