मंगलवार, 21 मई 2019

जले तेल का बार -बार इस्तेमाल करने वाले 
होटल - ढाबों की निगरानी शुरू
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बड़े रेस्तरां में इस्तेमाल खाद्य तेल का 
अब ब्योरा देना होगा।
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आज के ‘हिन्दुस्तान’ में नई दिल्ली से छपी खबर के यही शीर्षक हैं।
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 याद रहे कि बार- बार इस्तेमाल तेल के फिर से इस्तेमाल से पकाए गए भोज्य पदार्थ खाने से कैंसर होता है।
 पर इसकी ओर से सरकारी एजेंसियां लापारवाह रही हैं।
उन्हें  तो सिर्फ नजराना व शुकराना से मतलब होता है।
इधर सरकार के किसी कत्र्तव्निष्ठ  व्यक्ति को पता चला कि बड़े होटलों में इस्तेमाल हुए खाद्य तेल को 20 -25 रुपए लीटर ढाबों और छोटे होटलों को बेच दिया जाता है ताकि वे उसका बार- बार इस्तेमाल कर सकंे। उनको देश में फैल रहे कैंसर से क्या मतलब ?
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अब रोजाना 50 लीटर से अधिक तेल
की खपत करने वाले होटलों को यह हिसाब देना होगा कि वे इस्तेमाल किए गए तेलों का क्या करते हैं ?
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बार-बार तेल इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है।
क्या आपने कभी सुना कि इस दफा में किसी को देश में 
कहीं गिरफ्तार किया गया है ? मैंने तो नहीं सुना।
ऐसे ही चलती रही हंै हमारी सरकारें।
पता नहीं , आगे भी यह कार्रवाई जारी रह पाएगी या नहीं ?
20 मई 2019

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